बड़ा झटकाः 30 यूनिवर्सिटी का 10 हजार भारतीय छात्रों को एडमिशन देने से इंकार! गरमाई सियासत, कांग्रेस ने पूछा- साहब! विश्वगुरू कैसे बनेंगे आप?

Big shock: 30 universities refuse to give admission to 10 thousand Indian students! Politics heated up, Congress asked- Sir! How will you become a Vishwaguru?

नई दिल्ली। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के एक फैसले से दुनियाभर में हड़कंप मचा हुआ है। ट्रंप के इस फैसले के बाद वाशिंगटन समेत अन्य शहरों में पढ़ने वाले विदेशी छात्रों के भविष्य पर तलवार लटक गई है। इस फैसले से भारतीय भी प्रभावित होंगे।

एक समाचार पत्र के मुताबिक येल, ब्राउन, कार्नेल, स्टेनफर्ड, बोस्टन और वाशिंगटन जैसी 30 यूनिवर्सिटियों ने इस साल लगभग 10 हजार भारतीय छात्रों को एडमिशन देने से इंकार कर दिया है। बताया जाता है कि इन छात्रों ने साइंस, ऑर्ट्स और कॉमर्स संकाय में आवेदन किया था, लेकिन अब छात्रों को बड़ा झटका लगा है। इधर इस मामले में अब भारत में सियासत भी गरमाती हुई नजर आ रही है। विपक्षी दल इस मामले को लेकर केन्द्र की मोदी सरकार को घेरने में जुटे हुए हैं और सोशल मीडिया पर भी यह मामला खासा छाया हुआ है।

लोग सोशल मीडिया पर अखबार की ‘कटिंग’ शेयर कर तंज कस रहे हैं। इंस्टाग्राम पर एक यूजर ने लिखा है ‘‘विश्वगुरू बनने चला भारत, लेकिन हकीकत ये है कि 10 हज़ार भारतीय छात्रों का अमेरिका में एडमिशन रद्द। 30 यूनिवर्सिटी ने कहा- न फंड है, न ट्रम्प की सरकार को स्टूडेंट्स की ज़रूरत। और भारत सरकार...? बस 2027 तक ‘विकसित भारत’ का सपना दिखा रही है। क्या इस सपने में युवाओं की शिक्षा और भविष्य शामिल नहीं है’’।

वहीं  कांग्रेस ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा है ‘‘30 विदेशी विश्वविद्यालयों ने 10 हजार भारतीय छात्रों को एडमिशन देने से मना कर दिया है। Mr. जुमलेबाज अपने हाथ पर हाथ रखकर बैठे हुए हैं। साहब! विश्वगुरु कैसे बनेंगे आप? दुनिया तो आपको पढ़ने की भी जगह नहीं दे रही है। जब पढ़ेंगे नहीं तो बढ़ेंगे कैसे?’’

जानकारी के मुताबिक अमेरिका ने अपने यहां विदेशी छात्रों के दाखिले पर रोक लगा दी है। इससे अमेरिका में पढ़ने वाले और वहां प्रवेश लेने की इच्छा रखने वाले तमाम छात्रों के बीच हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि अमेरिका के गृह मंत्रालय ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को चेतावनी दी है कि अगर वह अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा धारकों की ‘अवैध और हिंसक’ गतिविधियों के बारे में 30 अप्रैल तक रिकॉर्ड उपलब्ध कराने में विफल रहता है तो विदेशी छात्रों को दाखिला देने की विश्वविद्यालय की प्रक्रिया पर रोक लगा दी जाएगी। इसके साथ ही अमेरिकी मंत्रालय ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को दिए गए 27 लाख अमेरिकी डॉलर से अधिक के अनुदान को भी रद्द कर दिया है। हार्वर्ड के खिलाफ ट्रंप प्रशासन की यह ताजा कार्रवाई 2.2 अरब अमेरिकी डॉलर के संघीय वित्त पोषण पर रोक लगाने के बाद की गई है क्योंकि विश्वविद्यालय ने प्रशासन की मांगों की एक सूची को अस्वीकार कर दिया था। प्रशासन ने विश्वविद्यालय की ‘कट्टरपंथी विचारधारा’ के कारण उसके कर-मुक्त दर्जे को रद्द करने का भी प्रस्ताव रखा है।

हॉवर्ड को दिया जाने वाला 27 लाख डॉलर का अनुदान भी रद्द
विदेशी छात्रों की प्रवेश प्रक्रिया पर रोक लगाने की चेतावनी के साथ ही साथ अमेरिकी गृह मंत्री क्रिस्टी नोएम ने हार्वर्ड विश्वविद्यालय को दिए जाने वाले कुल 27 लाख डॉलर के दो अनुदानों को रद्द करने की घोषणा की है। इससे छात्रों से लेकर कालेजों के संक बयान में कहा गया है, मंत्री ने एक पत्र भी लिखा है, जिसमें 30 अप्रैल, 2025 तक हार्वर्ड के विदेशी छात्र वीजा धारकों की अवैध और हिंसक गतिविधियों के बारे में विस्तृत रिकॉर्ड मांगा गया है। बयान में कहा गया है कि रिकॉर्ड उपलब्ध न कराए जाने पर विदेशी छात्रों को दाखिला देने की विश्वविद्यालय की प्रक्रिया पर रोक लगा दी जाएगी।