असीम कुमार घोष होंगे हरियाणा के नए राज्यपाल! बंडारू दत्तात्रेय की लेंगे जगह

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने आज दो राज्यों के राज्यपाल और एक केंद्र शासित प्रदेश के उपराज्यपाल की नियुक्ति कर दी है। प्रोफेसर असीम कुमार घोष को हरियाणा का नया राज्यपाल नियुक्त किया गया है। प्रोफेसर असीम कुमार घोष को हरियाणा के नए राज्यपाल की जिम्मेदारी दी गई है। वे हरियाणा के मौजूदा राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय की जगह लेंगे। प्रोफेसर असीम कुमार घोष हरियाणा के 19वें राज्यपाल होंगे।
असीम घोष का जन्म 1944 में हावड़ा में हुआ था। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा विवेकानंद संस्थान, हावड़ा से प्राप्त की। उन्होंने विद्यासागर कॉलेज, कोलकाता से राजनीति विज्ञान में स्नातक की उपाधि प्राप्त की और बाद में कलकत्ता विश्वविद्यालय से राजनीति विज्ञान में स्नातकोत्तर की उपाधि प्राप्त की। उन्होंने 1966 से 2004 तक 38 वर्षों तक राजनीति विज्ञान पढ़ाया। वे 1991 में भाजपा में शामिल हुए. वे कई वर्षों तक राज्य बौद्धिक प्रकोष्ठ के सदस्य रहे। वे 1996 में राज्य सचिव बने. 1998 में उन्हें राज्य उपाध्यक्ष मनोनीत किया गया। 1999 से 2002 तक उन्हें राज्य भाजपा अध्यक्ष नियुक्त किया गया। उन्होंने 2003-2005 तक त्रिपुरा पर्यवेक्षक के रूप में भी कार्य किया। असीम कुमार घोष साल 2023 में हावड़ा लोकसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर उपचुनाव भी लड़ चुके हैं. हालांकि उन्हें इस उपचुनाव में जीत हासिल नहीं हुई थी।
प्रोफेसर असीम कुमार घोष ने हरियाणा के राज्यपाल के तौर पर नई जिम्मेदारी मिलने पर कहा है कि "मेरा बायोडाटा पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को भेजा गया था। जांच-पड़ताल के बाद, उन्होंने राष्ट्रपति को मेरे नाम की सिफ़ारिश की। मेरी शैक्षिक पृष्ठभूमि और राजनीतिक पृष्ठभूमि पर चर्चा हुई। फिर राष्ट्रपति ने मुझे नियुक्त कर दिया है। मैं लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह और राज्य के अन्य महत्वपूर्ण नेताओं का आभारी हूं जिन्होंने मेरे नाम की सिफ़ारिश की। साथ ही मुझे नियुक्त करने के लिए मैं राष्ट्रपति का भी आभारी हूं। मैं उनकी उम्मीदों पर खरा उतरने की पूरी कोशिश करूंगा। प्रोफेसर असीम कुमार घोष हरियाणा के ऐसे तीसरे राज्यपाल होंगे जिनका नाता पश्चिम बंगाल राज्य से है। उनसे पहले पूर्व राज्यपाल बीरेंद्र नारायण चक्रवर्ती और हरी आनंद बरारी भी पश्चिम बंगाल से थे। हरियाणा में राज्यपाल के तौर पर सबसे लंबा रिकॉर्ड बीरेंद्र नारायण चक्रवर्ती के नाम रहा है। वे 15 सितंबर 1967 से 26 मार्च 1976 तक हरियाणा के राज्यपाल रहे। वहीं अगर हरियाणा में राज्यपाल के सबसे छोटे कार्यकाल की बात करें तो ये ओम प्रकाश वर्मा के नाम दर्ज है. वे 2 जुलाई 2004 से 7 जुलाई 2004 तक मात्र 6 दिन के लिए राज्यपाल रहे थे। वहीं अगर बंडारू दत्तात्रेय की बात करें तो उन्होंने हरियाणा के 18वें राज्यपाल के तौर पर अपनी भूमिका निभाई। वे साल 2021 से हरियाणा राज्य के राज्यपाल की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। साथ ही बंडारू दत्तात्रेय हिमाचल प्रदेश के भी राज्यपाल रह चुके थे। इससे पहले वे साल 2014 से 2019 तक तेलंगाना के सिकंदराबाद से लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं।