निकाह के बाद दूल्हे ने कर दी 10 लाख कैश और 20 लाख की कार की डिमांड! फिर लौटना पड़ा बिना दुल्हन बैरंग
हरिद्वार जिले के रुड़की में बारात लेकर आए दूल्हे के लालच की वजह से निकाह में खटास आ गई। दूल्हे की हरकत की वजह से हाथों में मेंहदी रचाए बैठी दुल्हन और उसके परिवार पर पहाड़ टूट पड़ा। बताया जा रहा था कि निकाह की रस्म पूरी होने के बाद जब दूल्हा 'सलामी' लेने गया, तभी उसने अचानक से कार और कैश की डिमांड कर दी। इससे अचानक खुशी का माहौल तनाव में बदल गया। इसी बीच कुछ जिम्मेदार लोगों ने बीच-बचाव कर हस्तक्षेप किया और मामला जैसे-तैसे शांत किया, जिसके बाद बिना दुल्हन के बारात वापस लौट गई।
जानकारी के मुताबिक तीन दिन पहले झबरेड़ा थाना क्षेत्र के एक गांव से एक बारात गंगनहर कोतवाली क्षेत्र के एक गांव में आई थी। जहां पर दूल्हे की हरकत ने पूरी बिरादरी और गांव को रुसवा कर दिया। बताया जा रहा है कि दूल्हे ने 20 लाख कीमत की कार और 10 लाख कैश की डिमांड कर दी। दूल्हे के अचानक इस अनावश्यक और अनुचित मांग से दोनों पक्षों में विवाद बढ़ गया। ऐसे में बातचीत और सामंजस्य की कोशिशों के बाद दूल्हे पक्ष की तरफ से 16 लाख रुपए पर मामला सुलझाया गया। लेकिन लड़की पक्ष ने इसमें असमर्थता जताई। जिसके बाद दूल्हा बिना दुल्हन के ही घर लौट आया। इस घटना के बाद लोगों में नाराजगी देखने को मिली।
जब दुल्हन के परिवार से इस मामले में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि करीब 7 महीने पहले लड़की की मंगनी हुई थी। मंगनी के समय लड़का सऊदी अरब में था। उन्होंने बताया कि लड़के का परिवार भी रिश्तेदार है। लड़के के परिवार के लोग बिल्कुल सही हैं। अब निकाह का समय आया तो लड़का अपने घर आ गया था। उन्हें मालूम नहीं था कि उनके रिश्तेदार का लड़का इतना बड़ा लालची है। उधर इस घटना के बाद बिरादरी के लोगों ने सोशल मीडिया पर नाराजगी जताई है। खासकर जिस गांव से बारात आई थी, उस गांव के लोगों के खिलाफ गुस्सा जाहिर किया। लोगों ने इस तरह के घटनाक्रम की निंदा करते हुए कहा कि इस गांव के ऐसे लोगों से रिश्ते करने से पहले सोचना चाहिए। सोशल मीडिया पर कई कमेंट्स में लिखा गया है कि इस तरह की घटनाओं से न केवल गांव बल्कि, पूरी बिरादरी का नाम बदनाम होता है। लोगों का मानना है कि ऐसे लोग जो दहेज के नाम पर इतनी बड़ी-बड़ी मांगें करते हैं, उन्हें समाज से बाहर करना चाहिए। ताकि इस तरह की घटनाएं भविष्य में न हों।
वहीं सोशल मीडिया पर चल रही इस बहस में कई लोग सुझाव भी दे रहे हैं। बिरादरी के सम्मानित लोगों ने अपील की है कि ऐसे लोग जो समाज के मूल्यों का अपमान करते हैं और दहेज जैसी कुप्रथा को बढ़ावा देते हैं,उनका सामाजिक बहिष्कार किया जाए। इनका मानना है कि अगर ऐसे लोगों के खिलाफ कठोर कदम नहीं उठाए गए तो इसका दुष्प्रभाव पूरे समाज पर पड़ेगा। वहीं इस घटनाक्रम के बाद चर्चा है कि कुछ परिवार अपनी गैर-जिम्मेदाराना मांगों और अनैतिक व्यवहार से समाज में बुरा प्रभाव डाल रहे हैं। लोगों का मानना है कि यदि कुछ घरों की वजह से समाज का नाम खराब होता है तो पूरे समाज को मिलकर ऐसे लोगों को सही रास्ता दिखाना चाहिए। इससे समाज में एक सकारात्मक संदेश जाएगा और भविष्य में ऐसी घटनाओं पर अंकुश लगाया जा सकेगा। वहीं यह घटना समाज के लोगों में दहेज प्रथा के खिलाफ जागरूकता फैलाने का काम भी कर रही है। सोशल मीडिया पर हो रही चर्चाओं से यह संदेश जा रहा है कि दहेज के नाम पर किए गए अनैतिक व्यवहार का समाज में कोई स्थान नहीं है। इस प्रकार की घटनाओं को रोकने के लिए सामाजिक स्तर पर सख्त कदम उठाने की जरूरत है। ताकि समाज में स्वाभिमान और समानता का वातावरण बना रहे।