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 हरियाणा से अदिति योजना का हुआ शुभारंभ! केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने की शुरुआत

Aditi Yojana was launched from Haryana! Union Minister Manohar Lal Khattar started it

हरियाणा। टेक्सटाइल नगरी पानीपत से एक हजार करोड़ रुपये की अदिति योजना का मंगलवार को राष्ट्रीय स्तर पर शुभारंभ किया। इसके साथ (अदिति) पोर्टल  का शुभारंभ किया और योजना पुस्तिका का भी विमोचन किया। यह योजना विद्युत मंत्रालय, भारत सरकार की पहल है। इसे ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफिशिएंसी (बीईई) द्वारा लागू किया जा रहा है। योजना व्यापक वित्तीय एवं तकनीकी सहायता के माध्यम से एमएसएमई को ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं के लिए प्रोत्साहित करेगी। योजना के अंतर्गत ऋणों पर ब्याज सहायता, निवेश ग्रेड ऊर्जा ऑडिट (आईजीईए), विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर), और कार्यान्वयन के बाद निगरानी व सत्यापन (एमएंडवी) जैसे चरणबद्ध सहयोग शामिल हैं।

केंद्रीय ऊर्जा और आवास एवं शहरी कार्य मंत्री मनोहर लाल ने बुधवार को स्थानीय आर्य पीजी कॉलेज सभागार में योजना का शुभारंभ किया। प्रदेश के ऊर्जा मंत्री अनिल विज कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए। पंचायत, खान एवं भूविज्ञान मंत्री कृष्णलाल पंवार इसमें शामिल हुए।केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (एमएसएमई) को ऊर्जा दक्ष तकनीकों को अपनाने में वित्तीय और तकनीकी सहायता प्रदान करने के लिए असिस्टेंस इन डिप्लाइंग एनर्जी ईफीसीएंट टैक्टनोलॉजी इन इंडस्ट्री एंड इस्टाबलिसमेंट (अदिति) ऐतिहासिक पहल है। इसके तहत माइक्रो और स्मॉल एंटरप्राइजेज के लिए पांच और मध्यम एंटरप्राइजेज के लिए तीन प्रतिशत ब्याज प्रदान किया जाएगा। जिससे एमईएस के लिए ऊर्जा दक्ष परियोजनाओं को अपनाना अधिक सुलभ और किफायती हो सकेगा। 

विकसित भारत की परिकल्पना के तहत ऊर्जा की भूमिका को रेखांकित किया और एमएसएमई क्षेत्र में नवीकरणीय ऊर्जा, ऊर्जा दक्षता और पर्यावरण संरक्षण के महत्व को उजागर किया। उन्होंने कहा कि अदिति योजना के अंतर्गत प्रस्तावित तकनीकों से एमएसएमई में 30-50 प्रतिशत तक ऊर्जा की बचत संभव है। जिससे पॉवर-टू-प्रोडक्ट अनुपात में सुधार होगा और ग्रीन एनर्जी कॉरिडोर के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। विद्युत मंत्रालय के सचिव पंकज अग्रवाल ने बीईई की भूमिका की सराहना की और कहा कि यह संस्था ऊर्जा दक्षता परियोजनाओं को पूरे औद्योगिक परिदृश्य में मुख्यधारा में लाने में अहम भूमिका निभा रही है। योजना के पहले चरण में 14 ऊर्जा गहन सेक्टर और 60 औद्योगिक क्लस्टर शामिल हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (ऊर्जा) एके सिंह ने कोयला-आधारित बिजली उत्पादन पर निर्भरता को घटाने की आवश्यकता पर बल दिया। बीईई के महानिदेशक एवं विद्युत मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव आकाश त्रिपाठी ने बताया कि यह योजना एमएसएमई को तकनीकी और वित्तीय सहायता प्रदान करेगी। जिसमें एक हजार करोड़ के बजटीय प्रावधान में 875 करोड़ ब्याज अनुदान, 50 करोड़ ऊर्जा ऑडिट और 75 करोड़ कार्यान्वयन सहायता के लिए समर्पित है। उन्होंने बताया कि यह योजना नौ हजार करोड़ का निवेश आकर्षित करने की क्षमता रखती है। जिसमें एमएसएमइएस द्वारा संभावित 6750 करोड़ का उधारी निवेश शामिल है। ऊर्जा दक्षता भारत के निर्यात-उन्मुख औद्योगिक विकास में केंद्रीय भूमिका निभाएगी। कार्यक्रम में हरियाणा सरकार के पंचायती राज, विकास, खान एवं भूविज्ञान मंत्री कृष्णलाल पंवार, तथा नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा निदेशक प्रियंका सोनी, उपायुक्त डॉ. विरेंद्र कुमार दहिया, अतिरिक्त उपायुक्त डॉ. पंकज यादव, भाजपा प्रदेश महामंत्री डॉ. अर्चना गुप्ता, भाजपा जिला अध्यक्ष दुष्यंत भट्ट मौजूद रहे। एसएमईएस को प्रशंसा प्रमाण पत्र भी प्रदान किए गए। दो एमएसएमई प्रतिनिधियों ने ऊर्जा ऑडिट एवं तकनीक अपनाने के अपने अनुभव साझा किए। जिससे योजना की प्रारंभिक सफलता को दर्शाया गया।