चंबा के तीसा सिविल अस्पताल में डॉक्टर पर छोटी बच्ची के प्राइवेट पार्ट को लेकर अभद्र भाषा के आरोप! फूट फूट कर रोई बच्ची की मां वीडियो वायरल होने पर डॉक्टर ने दी सफाई

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के तीसा सिविल अस्पताल से जुड़ा एक मामला इन दिनों चर्चा में है। स्थानीय निवासी बबली नाम की एक महिला ने अस्पताल के डॉक्टर कुलभूषण शर्मा पर फोन पर अभद्र भाषा इस्तेमाल करने का गंभीर आरोप लगाया है। इस घटना से संबंधित बबली का एक भावुक वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हुआ, जिसके बाद स्वास्थ्य विभाग ने मामले की गंभीरता को देखते हुए त्वरित जांच के आदेश जारी किए। दूसरी ओर, डॉक्टर कुलभूषण शर्मा ने भी अपना पक्ष सामने रखा है और इसे गलतफहमी का परिणाम बताया है।
मामले ने तब और तूल पकड़ा जब बबली ने तीसा पुलिस थाने में डॉक्टर के खिलाफ औपचारिक शिकायत दर्ज की। जानकारी के अनुसार, यह घटना सोमवार रात करीब 11 बजे की है, जब बबली अपनी ढाई साल की बेटी को पेशाब में जलन की शिकायत के लिए अस्पताल लेकर पहुंची थीं। बबली ने बताया कि उनका घर अस्पताल से कुछ ही दूरी पर है और रात के समय वह अपनी बेटी के इलाज के लिए वहां गई थीं। उनके अनुसार, डॉक्टर कुलभूषण उस समय अस्पताल में मौजूद नहीं थे और फोन पर नर्स से बात कर रहे थे। बबली का दावा है कि रात के शांत माहौल में उन्हें डॉक्टर और नर्स की बातचीत साफ सुनाई दी, जिसमें डॉक्टर ने कथित तौर पर आपत्तिजनक और अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया।
डॉक्टर कुलभूषण शर्मा, जो तीसा के रुदरा गांव के निवासी हैं, ने इन आरोपों का खंडन किया है। उन्होंने बताया कि उस समय वह 16 घंटे की लंबी ड्यूटी के बाद खाना खाने गए थे। जब अस्पताल के स्टाफ ने उन्हें फोन किया, तो उन्होंने फोन पर नर्स को मरीज की जांच और दवाइयों से संबंधित तकनीकी जानकारी दी थी। डॉक्टर का कहना है कि उन्होंने मेडिकल टर्म्स में बात की थी, जिसे शायद बबली ने गलत समझ लिया। उन्होंने स्पष्ट किया, “मेरा किसी को ठेस पहुंचाने या अपमान करने का कोई इरादा नहीं था। अगर मेरी बातों से किसी को गलतफहमी हुई या दुख पहुंचा, तो मैं इसके लिए बबली और उनके परिवार से दिल से माफी मांगता हूं।”
डॉक्टर ने यह भी जोड़ा कि बबली द्वारा सोशल मीडिया पर उनका वीडियो वायरल करना अनुचित था। उन्होंने कहा, “जिस तरह मेरी छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की गई, उसी तरह सच को भी सामने लाया जाना चाहिए।” डॉक्टर ने बताया कि उन्होंने बबली से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो सकी। उनका मानना है कि यह पूरा मामला या तो गलतफहमी का नतीजा है या फिर किसी सुनियोजित साजिश का हिस्सा हो सकता है।
इस बीच, बबली ने अपनी शिकायत में कहा कि अगर डॉक्टर सार्वजनिक रूप से और लिखित में माफी नहीं मांगते, तो वह इस मामले में कानूनी कार्रवाई को और आगे बढ़ाएंगी। पुलिस ने भी डॉक्टर को थाने में बुलाया था, लेकिन वह अपने बयान पर कायम हैं और खुद को निर्दोष बता रहे हैं।
स्वास्थ्य विभाग ने इस मामले की निष्पक्ष जांच के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की है, जिसकी अध्यक्षता चंबा के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) विपिन कुमार कर रहे हैं। सीएमओ ने बताया कि समिति जल्द ही अपनी जांच पूरी कर रिपोर्ट सौंपेगी। इस घटना से सवाल उठा रहा है कि मेडिकल पेशेवर और मरीजों के बीच संवाद में पारदर्शिता और संवेदनशीलता कितनी जरूरी है।