8000 लोग ,450 संक्रमित, 10 मौत ! तब्लीगी मरकज जमात की सौगात ।

निज़ामुद्दीन मरकज में तब्लीगी जमात के आयोजन के चलते देश में कोरोना संक्रामण को लेकर खौफ पैदा हो चुका है जहां एक तरफ नवरात्रि में मंदिर खाली पड़े है वही दूसरी तरफ मस्जिद गुरुद्वारे चर्च और यहाँ तक वेटिकन और मक्का खाली पड़े हुए है वही तब्लीगी जमात से जुड़ा हर जमाती मानता है फिर भी दुनिया को जहालत और अज्ञानता से निकालने वाले ज्ञान के रास्ते पर ले कर जाने वाले लोग 4 माह पहले से जमात चला रहे थे ,लॉक डाउन के समय जमात में करीब  8000 लोग इकट्ठे थे , जिसमें भारत के 19 राज्यों के साथ 16 देशों के जमाती शामिल थे । अब तक जमात में शामिल 450 लोग संक्रमित हो चुके है 10 लोगों की मौत हो चुकी है । अभी तक मरकज में आए लगभग 1550 लोगों को निकाला जा चुका है और 1400 के लगभग क्वारंटीन भी किया जा चुका है । खुद को देश के लिए समर्पित कहने वाले लोग कब इंसानियत के दुश्मन बन जाएगे क्या कभी किसी ने सोचा होगा ? दिल्ली पुलिस के एस एच ओ ने एक विडियो जारी किया है जिसमें वो जमातियों के नेताओ को समझा रहा है कि देश में लॉक डाउन है आप जल्द मरकज को खाली कर दें ताकि खतरा टल जाये लेकिन ऐसा न हो सका किसी ने पुलिस की बात नहीं सुनी और देश को गंभीर खतरे में झोंक दिया । सूत्रों के अनुसार कुछ मौलवीय लोगों को भड़का भी रहे थे कि अगर मरना ही है तो नमाज पढ़ते हुए मरा जाए हालांकि आवाज़ 24X7 इसकी पुष्टि नहीं करता है ।

 

और एक बात खतरनाक बात सामने आ रही है कि जब पुलिस संक्रमित लोगों को क्वारंटीन करने ले जा रही थी तो कुछ संक्रमित लोगो ने पुलिस के ऊपर इसलिए थूका क्योंकि पुलिस भी संक्रमित हो जाए ।

जिस तरह से स्लीपर सेल काम करते है खुद को मार कर इंसानियत को खत्म करने के लिए कटिबद्ध होते है कुछ इसी तरह की घटना सामने आ रही है जबकि मरकज तब्लीगी जमात का आयोजन इसलिए किया जाता है कि लोगो को जहालत और अज्ञानता से निकालकर खुदा से और कुरान से  रूबरू कराया जा सके और ज्ञान का अर्जन किया जा सके लेकिन अधिकतर देखने में आ रहा है इस तरह की जमात करने के उद्देश सकारात्मक होता है लेकिन तफतीश के बाद कुछ और ही निकलता है खैर इस मामले में पुलिस मुकदमा दर्ज़ कर चुकी है और जांच भी जारी है ।


आइये जानते है तब्लीगी मरकज जमात क्या है :

 

मरकज़ :

मरकज़ के मायने यानी केंद्र होता है और तबलीग का मतलब है अल्लाह और कुरान, हदीस की बात दूसरों तक पहुंचाना. वहीं जमात का मतलब ग्रुप से है. तबलीगी जमात यानी एक ग्रुप की जमात. तबलीगी मरकज का मतलब इस्लाम की बात दूसरे लोगों तक पहुंचाने का केंद्र. लगभग 75 साल पहले मेवात के मौलाना मौलाना इलियास साहब ने मरकज की स्थापना की थी इस मरकस को बनाने का उनका मकसद था कि भारत के अनपढ़ मुसलमानों में बढ़ती जहालत को खत्म करके उनको इस्लाम के बताए गए रास्ते और नमाज की तरफ लाना था ताकि यह भटके हुए लोग नमाज पढ़ें, रोजे रखें और बुराइयों से बचें, सच्चाई अख्तियार करें ।


तब्लीगी जमात :

तब्लीगीका मतलब है अल्लाह की बातों का प्रचार-प्रसार करना। जमात का मतलब होता है समूह। यानी ईश्वर की कही बातों का प्रचार प्रसार करने वाले समूह को तबलीगी जमात कहते हैं। ये लोग इस्लाम को मानते हैं। माना जाता है कि दुनिया भर में इस जमात के करीब 15 करोड़ सदस्य हैं।

 

कब शुरू हुआ था मरकज़ तब्लिगी जमात: ?

भारत में तब्लीगी जमात की शुरुआत 1927 में मुहम्मद इलियास अल- कांधलवी ने की थी । भारत में यह हरियाणा के नूंह जिले से शुरू हुआ था। इस जमात के 6 उसूल हैं जिनपर ये चलते हैं। ये हैं कलिमा, सलात, इल्म, इकराम-ए-मुस्लिम, इख्लास-ए-निय्यत और दावत-ओ-तबलीग । दिल्ली के निजामुद्दीन में इस जमात का हेडक्वार्टर है।

 

इस जमात की शुरुआत भले ही 1927 में हुई थी लेकिन इसे अपने पहले मरकज़ या बैठक में करीब 14 साल का वक्त लगा। 1941 में 25,000 लोगों के साथ इस जमात के पहले मरकज़ की शुरुआत हुई। दुनियाभर के देश में हर साल इसका आयोजन होता है। तबलीगी जमात का सबसे बड़ा जलसा बांग्लादेश में आयोजित होता है। वैसे भारत और पाकिस्तान में भी इसका सालाना जलसा होता है।