किसानो के लिए अच्छी पहल, मंडी भी होगी डिजिटल

रुद्रपुर II केंद्र सरकार द्वारा 2022 तक किसानों की आय को दुगनी करने के लिए इनाम योजना लांच कर किसानों को राहत दी है इस योजना के बाद अब किसान को बिचोलियों के पास जाने की जरूरत नही है साथ ही फसल के अच्छे दामो में बचे जाने पर किसानों की आय को दुगना किया जा सकता है।
किसानों को अब अपनी फसल को बेचने ओर अच्छे मुनाफे के लिए दर दर की ठोकरे नही खानी पड़ेंगी केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही इनाम योजना के तहत जल्द ही किसान राज्यस्तरीय ओर राष्ट्रस्तरीय लेबल पर अपनी फसल को आसानी से बेच सकता है अब तक किसान अपनी फसलो को दलालो को बेचा करते थे जिसका फायदा किसानों को कम बिचोलियों को ज्यादा होता था केंद्र सरकार द्वारा लांच की गई योजना के तहत किसानों को एक छोटी सी प्रक्रिया से गुजरना होगा और उसके बाद ऑन लाइन उसकी फसलो को नीलाम कि जायेगी जिसका पैसा किसान के खाते में दिया जाएगा उत्तराखण्ड के दो जिलो हरिद्वार ओर उधम सिंह नगर की मंडियों में इस योजना को अमली जामा पहनाया गया है हरिद्वार, काशीपुर, गदरपुर, किच्छा ओर सितारगंज की मंडियों में इनाम योजना को लांच किया जा चुका है। अधिकारियों की माने तो अब तक किसानों को मिलने वाले दामो को बिचोलिये डकार जाते थे लेकिन इनाम योजना के तहत किसानों की फसलों की गुणवत्ता तय कर उनकी फसलो के दामो को रखा जाता है इसके बाद ऑन लाइन बोली लगा कर उसे बेचा जाता है साथ ही बेची गयी फसल के दामो को किसानों के खातों में डालने का काम किया जाता है ताकि बिचोलियों से किसानों को बचाया जा सके और उनकी फसलो के दाम उन्हें मिल सके। किच्छा मंडी में अब तक इनाम योजना के तहत 1289 किसानों को पंजीकृत किया गया है जब कि 227 व्यपारियो ओर 297 कमिसन एजेंटो ने अपना पंजीकरण कराया है इनाम योजना के कर्मचारियों के अनुसार इस योजना के तहत किसानों को जोड़ने का काम लगातार चल रहा है साथ ही किसानों को इस योजना के बारे में जागरूक किया जा रहा है ताकि किसानों की फसलो के दाम उन्हें आसानी से प्राप्त हो सके ओर उनकी आय को दूगना किया जा सके।
देश की लगभग सात हजार मंडियों के पहले चरण में अब तक 585 मंडियों में 470 मंडियों को इनाम योजना के तहत ऑन लाइन किया जा चुका है उत्तराखंड में 11 ओर मंडियों को फरवरी अंत तक ऑन लाइन करने की रूपरेखा तैयार की जा चुकी है इस के साथ साथ देश की सभी मंडियों को ऑन लाइन एक दूसरे को जोड़ने के लिए पड़े पैमाने में सरकार द्वारा काम किया जा रहा है ताकि ऑन लाइन किसान अपनी फसल का दाम गुणवत्ता के अनुसार प्राप्त कर सके।