हाई प्रोफाइल धोका ! विज्ञापन के लालच में पुरुष वेश्याव्रति और ठगी को बढ़ावा देते हमारे अख़बार एक्सक्लूसिव खुलासा केवल आवाज़ इंडिया पर

आजकल दैनिक समाचार पत्रों के क्लासीफाईड में आपको अलग अलग तरह के विज्ञापन देखने को मिल रहे हैं जिनमें कई विज्ञापन तो काम के होते हैं, लेकिन कई विज्ञापन धोखाधड़ी अंधविश्वास से ओतप्रोत होते हैं, जिनमें ज्योतिष के नाम पर बंगाली बाबू का जादू,वशीकरण,नौकरी के नाम पर कई अवैध संगठन आदि के विज्ञापन प्रायः देखने को मिलते रहते हैं। एक ऐसा ही हाई प्रोफाइल धोखाधड़ी का उदाहरण जो आवाज़ 24X7 इंडिया के सामने आया है, जिससे आपको अवगत कराना बेहद जरुरी है । इन विज्ञापनों की माने तो दोस्ती या मित्रता के नाम पर हाई प्रोफाइल महिलाओं से मीटिंग कर प्रतिदिन दस हज़ार से बीस हज़ार रूपये तक कमाने का अवसर प्राप्त होता है। दरअसल क्लासीफाईड में मित्रता और दोस्ती नामक कॉलम में कई फर्म जैसे बजाज इंटरनेशनल ,सोनाली फ्रेंडशिप क्लब,पल्लवी होम सर्विस, मुस्कान फ्रेंडशिप क्लब इत्यादि नाम से अपने पंजीकरण का दावा करते हैं । 

इन सभी का विज्ञापन समाचार पत्रों में कुछ इस तरह का होता है – खूबसूरत हाई प्रोफाइल महिलाओं ,हाउस वाइफ कॉलेज गर्ल के साथ इन्जॉय करके पंद्रह हज़ार से पच्चीस हज़ार प्रतिदिन कमाएँ ( गाड़ी और किट फ्री ) संपर्क करे- मोबाइल न xxxxxxxxxx. इसी तरह के विज्ञापन के चलते धोखाधडी का मामला सामने आया है। जिसमें पुरुष वेश्यावृति के चलते युवक से दस हज़ार रूपये ठग लिए गए, अब लोकलाज के डर से युवक पुलिस में शिकायत भी नहीं कर पाया, युवक फर्रुखाबाद का रहने वाला है जो उत्तराखंड के रुद्रपुर शहर में कार चालक की नौकरी किया करता था। कुछ समय पूर्व युवक द्वारा माया फ्रेंड्स क्लब के दिए हुए नंबर पर कॉल किया गया और क्लब की ओर से कुछ जानकारी दी गयी जैसे आपको क्लब में पंजीकरण करवाना होगा उसके बाद आपको आपके ही चुने हुए क्षेत्र से हाईप्रोफाइल महिला का नंबर उपलब्ध करवाया जायेगा और वो आपको लेने आपके बताये हुए स्थान पर आ जायेगी और आप अपने सामर्थ्य के अनुसार उस महिला के साथ समय व्यतीत करना होगा और जिसके लिए आपको एक अच्छी धनराशि भी महिला द्वारा दी जाएगी , इसी तरह से प्रतिदिन कई लोग इस तरह के झांसे में आकर अपनी जमापूंजी पुरुष वेश्यावृति को बढ़ावा देने वाले संगठन के हाथों गवां देते है ।

इसी तरह का एक और विज्ञापन जो अखबार में ज्योतिष नाम के कॉलम में आता है जिसमें बंगाली बाबा से लेकर  किंग खान तक गृह क्लेश,वशीकरण बच्चा पैदा करना, काला जादू करने का दावा करते है,आज हम 21 वीं सदी में जी रहे है और जहाँ इस तरह के टोने टोटके आज महज मजाक का पर्याय बन चुके है लेकिन आये दिन महिलाओं के प्रति बढती हिंसक घटनाओं में जहाँ अधिकतर इसी तरह के बाबा संलिप्त पाए जाते है और भोली भाली जनता जो आज भी इन सब चीजों पर विश्वास करती है आसानी से इनके चंगुल में फंस जाती है ।

अक्सर इसी तरह के अनेक विज्ञापन आये दिन दैनिक अखबारों में छपा करते है चूँकि अखबार को इससे अच्छी मासिक आय होती है और इसका पत्रकारिता से कोई लेना देना नहीं होता, अखबार स्वयं को बचाने के लिए वैधानिक चेतावनी डालकर  अपनी जिम्मेदारी से पल्ला तो झाड़ लेता है लेकिन ये सब विज्ञापन एक सवाल छोड़ जाते है कि क्या मीडिया का ये दायित्व नहीं कि इस तरह के असामाजिक विज्ञापन छपने से पहले स्वय इसकी सत्यता की जांच करें ? केवल विज्ञापन के नाम पर कुछ भी छाप दिया जाए और जिसके घातक परिणाम आ सकते हो इसके लिए केवल पाठकों को ही जिम्मेदार ठहराना कहाँ तक न्यायोचित्त है ?