स्लाॅटर हाऊस मामले में हाईकोर्ट हुआ सख्त
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हाईकोर्ट के आदेश पर बंद हुए स्लाॅटर हाउसों के मामले में नैनीताल हाईकोट ने सख्त रूख अपनाते हुए नगर आयुक्त हल्द्वानी नगर निगम को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के आदेश दिए है। साथ ही नगर पालिका नैनीताल को 1 सप्ताह के भीतर अपना पक्ष रख नगर पालिका रामनगर को डीपीआर तथा कितने समय में स्लाॅटर हाउस को चालू करने की जानकारी कोर्ट के समक्ष प्रस्तुत करने के आदेश दिये हैं। राज्य सरकार से 3 माह के भीतर स्लॉटर हाउसों को अस्तित्व में लाने के आदेश जारी किये है राज्य सरकार से सुप्रीम कोर्ट में फाइल एसएलपी जानकारी कोर्ट में पेश करने को भी कहा है।
आपको बात दे कि पूर्व में नैनीताल हाईकोर्ट की एकलपीठ ने प्रदेश के सभी अवैध स्लाॅटर हाउसों को बंद करने के आदेश दिए थे और कहा था की खुले में किसी भी प्रकार से जानवरों को ना काटे जाए,जिसके बाद से पूरे प्रदेश भर में स्लाॅटर हाउस बंद है कोर्ट के आदेश को मीट कारोबारियों ने नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी,जिसमें कहा गया की पूर्व में हाईकोर्ट ने 9 दिसंबर 2011 को एक आदेश जारी कर प्रदेश में मानकों के अनुसार स्लाॅटर हाउस बनाने के निर्देश दिये थे,लेकिन आठ साल बीत जाने के बाद भी कोर्ट के आदेशो का पालन नही करा जा रहा है,जिस वजह से स्लाॅटर हाउसो का मामला अधर मे ही लटका है लिहाजा कोर्ट के आदेश का पालन ना करने वाले अधिकारियो के खिलाफ अवमानना की कार्यवाही की जाए।
वहीं स्लाॅटर हाउस बंद करे जाने के आदेश के खिलाफ सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी भी दायर करी है ताकी मीट कारोबारियो को राहत मिल सके,मामले की अगली सुनवाई एक सप्ताह बाद की तिथि नीयत की गई है।