सावधान! मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण
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दुनिया की सबसे बड़ी चिन्ता इस वक्त प्रदूषण है लगातार पेड़ों के कटाव से फैक्ट्रियों ,गाड़ियों इत्यादि से निकलने वाले धुंए से दुनिया भर में प्रदूषण का असर देखा जा सकता है, अपनी सेफ्टी के लिये आजकल लोग मास्क लगाये घर से बाहर निकलते हैं लेकिन सिर्फ मास्क लगा लेना ही प्रदूषण से बचाव नहीं हो सकता।स्टेट ऑफ ग्लोबल एयर 2019 की रिपोर्ट के अनुसार ज्यादा वक्त घर से बाहर खुले में रहने या घर पर ही वायु प्रदूषण की वजह से 2017 में शूगर,स्ट्रोक,हार्ट अटैक,फेफड़ों का कैंसर जैसी बिमारियों से पूरी दुनिया में 50 लाख लोंगो की मौत हो हुई। इनमें से तीस लाख मौते पीएम 2.5 से जुड़ी थी ,पीएम 2.5 माइक्रोमीटर डायमीटर वाला कण एक इंसान के बाल से 30 गुना बड़ा होता है। ये इतने छोटे होते हैं कि आंखों से नहीं दिखाई देते, टेलीस्कोप से ही हम इसे देख सकते हैं। वातावरण पीएम 2.5 के लेवल बढ़ने से हवा में धुंध दिखाई पड़ती है, जिससे आस-पास दिखाई देना कम हो जाता है,साधारण भाषा में इसे स्माॅग कहा जाता है जो पिछले कुछ सालों से दिल्ली और आस पास के इलाकों को अपनी चपेट में लिये हुये है। पीएम 2.5 हवा के साथ हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं और हमारे फेफड़ों में घुस जाते हैं, जिससे हमें सांस लेने में तकलीफ होती है। इसके कारण हमें फेफड़ों की कई खतरनाक बीमारियां हो सकती हैं।
2017 की रिपोर्ट।
पिछले साल में भारत में वायू प्रदूषण से 12 लाख लोगों की मौत दर्ज की गयी ये एक वैश्विक रिपोर्ट के अनुसार मिली जानकरी है जो ये इशारा करती है कि अगर आपने और हमने मिलकर प्रदूषण के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया तो वो दिन दूर नहीं जब हर व्यक्ति एक ऑक्सीजन सिलेन्डर खुद से बांधे काम किया करेगा।कल्पना करना शायद मजाक लगे पर अगर इसी तरह प्रदूषण बढ़ता गया तो मौतों का ये वैश्विक आंकड़ा आने वाले दस सालों में दस गुना हो जायेगा।
अमेरिका के हेल्थ इफैक्ट्स इन्सटीट्यूट ने पिछले हफ्ते एक रिपोर्ट जारी की जिसमें कहा गया है कि भारत में स्वास्थ्य सम्बन्धी खतरो से होने वाली मौतों का तीसरा सबसे बड़ा कारण वायु प्रदूषण है उसके बाद धूम्रपान।इस रिपोर्ट के मुताबिक दक्षिण एशिया में मौजूदा समय में जन्म लेने वाले बच्चों का जीवन ढाई साल कम हो जायेगा।इस वक्त पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा प्रदूषित देश भारत और चीन है।
अमेरिका के इसी हेल्थ इफैक्ट्स इन्सटीट्यूट का ये भी कहना है कि भारत सरकार द्वारा प्रदूषण से निपटने के लिए शुरू की गई प्रधानमंत्री घरेलू एलपीजी कार्यक्रम, उज्जवला योजना,
स्वच्छ वाहन मानक और नया राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम से आने वाले वर्षों में लोगों को महत्वपूर्ण स्वास्थ्य लाभ मिलेंगे। हेल्थ इफैक्ट्स इन्सटीट्यूट के वाइस प्रेसीडेंट रॉबर्ट ओ कीफ का कहना है कि भारत में मौजूदा और भविष्य के लिए की गई शुरुआत में दम है। अगर इनका सही से क्रियान्वयन किया गया तो आने वाले समय में लोगों की सेहत में सुधार होगा।