शोक समाचार : उत्तराखंड के लोक गायक हीरा सिंह राणा का हुआ निधन

त्यर पहाड़,म्यर पहाड़

होय दुखो को डयर पहाड़,

राजनीति ले तोड़ पहाड़,

ठेकेदारों ले फोड़ पहाड़,

नांतिनो ले छोड़ पहाड़

पहाड़ो की वर्तमान स्थिति को शब्दों में पिरोकर एक सूत्र में बांधने वाले उत्तराखंड के लोकगायक हीरा सिंह राणा अब इस दुनिया मे रहे।आज सुबह हार्ट  अटैक की वजह से उनका निधन हो गया।पिछले ही साल हीरा सिंह राणा गढ़वाली कुमाऊँनी और जौनसारी अकादमी दिल्ली के उपाध्यक्ष बने थे।पिछले कुछ दिनों से हीरा सिंह राणा की तबियत ठीक नही थी वो अपने घर पर फिसल जाने की वजह से वो कई दिनों तक बिस्तर पर ही रहे ,रामनगर में उनका इलाज भी चला,जिसके बाद वो स्वस्थ हो गए थे फिर दिल्ली वापस चले गए थे लेकिन आज सुबह तड़के ढाई बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।


पिछली बार जब अस्पताल में भर्ती हुए थे हीरा सिंह राणा: 


हीरा सिंह राणा को हिरदा कुमाऊँनी भी कहते थे।अपनी रचनाओं के माध्यम से उन्होंने कई बार पहाड़ो की पीड़ा को बयां किया ।उनकी रचनाओं में लोकप्रिय "रंगीली बिंदी,रंगदार मुखड़ी, ढाई वीसी बरस हाईं कमाला, आहा रे ज़माना,सौमोनो की चोरा,खूब चर्चाओं में रहे और इन रचनाओं को लोगो ने खूब सराहा भी ।

हीरा सिंह राणा का जन्म 16 सितंबर को अल्मोड़ा जिले के मानिला ढंढोली में हुआ था।पहाड़ो को छोड़कर जब वो दिल्ली नौकरी करने गए तब उनका मोह पहाड़ो से नही छूट सका मन स्थिर करने के लिए सेल्समैन की नौकरी उन्होंने छोड़ दी फिर कलकत्ता पहुंचकर उन्होंने संगीत से नाता जोड़ लिया,संगीत की वजह से उनका उत्तराखंड के प्रति मोह भी और ज़्यादा बाहर आने लगा।उन्होंने उत्तराखंड के लोक कलाकारों का दल नवयुवक केंद्र ताड़ीखेत रामगढ़ ,मानिला डांडी ,हिमांगन कला संगम दिल्ली मनखयु पड्यौव जैसे लोक संगीत में मिलकर काम किया।हीरा सिंह के लोक संगीतों में उत्तराखंड की छवि साफ देखी जा सकती है।अपनी मूल जड़ो और अपनी संस्कृति को अपनी रचनाओं के माध्यम से लोगो तक पहुंचना उन्हें बखूबी आता था।

लश्का कमर बांधा,हिम्मत का साथा

लश्का कमर बांधा,

हिम्मत का साथा फिर भुला उज्याली होली,

कां लै रौली राता?लश्का कमर बांधा…..

य नि हूनो, ऊ नि होनो,कै बै के नि हूंनो,

माछी मन म डर नि हुनि चौमासै हिलै के

कै निबडैनि बाता धर बै हाथ म हाथा,

सीर पाणिक वै फुटैली जां मारुलो लातालश्का कमर…..

जब झड़नी पाता डाई हैं छ उदासा,

एक ऋतु बसंत ऐछ़ पतझडा़ का बादलश्का कमर बांधा…