शहीद मेजर कमलेश कुमार पाण्डे पॅंच तत्व में हुए विलीन

आज शहीद मेजर कमलेश कुमार पाण्डे का पार्थिव शरीर पॅंच तत्व में विलीन हो गया।
बतातें चलें कि कश्मीर में आतंकवादियों से लोहा लेते हुए उत्तराखंड का एक और लाल शहीद हो गया था। मूल रूप से अल्मोड़ा के कनालीछीना के रहने वाले व हाल निवासी हल्द्वानी के ऊंचा पुल क्षेत्र के हिम्मतपुर मल्ला गांव के मेजर कमलेश पांडे जम्मू कश्मीर के शोफिया क्षेत्र में बुधवार देर रात आतंकियों से लड़ते शहीद हो गए। शहीद मेजर कमलेश पांडे का पार्थिव उनके आवास हल्द्वानी पहुंचा, शहीद के अन्तिम दर्शन के लिये हजारो की संख्या मे लोग पहुंचे। रानीबाग स्थित चित्रशीला घाट में सैन्य सम्मान के साथ शहीद मेजर कमलेश पांडे को अंतिम यात्रा की विदाई दी गयी।
बाड़ेछीना के दिगोली गाँव के पैतृक निवासी
मेजर कमलेश पाण्डे हल्द्वानी चले गए थे।
लेकिन उनका पैत्रक मकान दिगोली में आज भी है
। जहां उनके चाचा, चाची और चचेरे भाई आज भी रहते हैं। शहीद के परिजनों का कहना है कि
मेजर कमलेश पाण्डे का पूरा परिवार सेना को समर्पित है। उनके पिता ने आर्मी में सेवाएं दी जिसके बाद कमलेश और उनके भाई ने भी सेना को ज्वाईन किया। 62 राईफल में शहीद मेजर कमलेश पाण्डे की शहादत पर गर्व करते हुए परिजन पाकिस्तान को सबक सिखाने की मांग कर रहें हैं।शहीद के पिता मोहन चंद्र पांडे का कहना है कि उनको अपने बेटे की शहादत पर गर्व है लेकिन वह देश के राजनेताओं से चाहते की अब राजनीति छोड़कर पाकिस्तान से दो दो हाथ कर लें ,वो तो अपने बेटे को देश की रक्षा में खो चुके है लेकिन ऐसा कब तक चलता रहेगा । शहीद के चचेरे भाई पंकज ने भी कहा कि एक बार आरपार की लड़ाई हो जानी चाहिए कोई बात नही दूसरा भी शहीद हो जाय उसका गम नही लेकिन एक बार आरपार की लड़ाई हो जानी चाहिए ।
सैनिक कल्याण बोर्ड के अधिकारी ने कहा कि भारत माँ ने आज अपना एक और लाल खो दिया, शहीद मेजर पांडे एक होनहार अधिकारी थे ।
आतंकियों से लोहा लेते हुए न जाने कितने ही सैनिक भारत माता पर न्यौछावर हो गये और होते रहेंगे ,सैल्यूट तो उस मां को है जिसने देश को ऐसा लाल दिया जो आज अपने देश की रक्षा के लिए मिट गया शहीद हो गया ।