शराब की दुकानों का नही हुआ अभी तक आवंटन

राज्य गठन के 18 सालों में यह पहली बार हुआ है जब नए वित्तीय वर्ष के 24 दिन से ज्यादा का समय बीत जाने के बावजूद प्रदेशभर में देशी व अंग्रेजी 289 मदिरा की दुकानों का आवंटन नहीं हो पाया है। कुछ दुकानों पर ताला जड़ा हुआ है। भारी संख्या में शराब की इन दुकानों का आवंटन न होने के चलते सरकार को अब तक लगभग 920 करोड़ रुपये का घाटा हो चुका है।जो प्रतिदिन के हिसाब से करोड़ों में बढ़ता ही जा रहा है।
प्रदेशभर में 289 देशी-विदेशी शराब की दुकानों का आवंटन अधर में लटका हुआ है। इन सबके बावजूद आबकारी विभाग के ऊपर से लेकर नीचे तक के संबंधित अधिकारी समस्या का हल निकालने के बजाए तमाशबीन बन सरकार को होने वाले घाटे को बढ़ाते जा रहे हैं।13 जिलों में आवंटित न होने वाली दुकानों पर देहरादून -36, अल्मोड़ा- 34, बागेश्वर- 7, नैनीताल -18, उधमसिंहनगर- 63, हरिद्वार- 75, चमोली -4, पौड़ी गढ़वाल -17, टिहरी गढ़वाल-7, रुद्रप्रयाग 1, उत्तरकाशी- 6, पिथौरागढ़ -20, चंपावत-4 देहरादून में प्रतिमाह 34 करोड़ का घाटा होना बताया जा रहा है।