लिस्ट में नाम होने के बाद भी नहीं देने दिया वोट

लोकसभा चुनाव 2019के प्रथम चरण के चुनाव समाप्त हो चुके हैं।नैनीताल में सुबह मतदाताओं की भीड़ ज्यादा रही तो वहीं दोपहर में मतदाताओं का ग्राफ कम होने लगा।पर शाम होते होते फिर मतदाताओं ने पोलिंग बूथ का रूख इख़्तियार कर जम कर वोट डाले।नये वोटर्स में पहली बार वोट डालने को लेकर काफी उत्साह रहा,आखिर पहली बार लोकतंत्र के सबसे बड़े त्योहार में अपना अधिकार जो उन्हें मिला था।
नैनीताल में कई मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में न होने से लोग निराश होकर अपने घर लौटे और इस बात पर रोष भी व्यक्त किया कि अभी कुछ समय पहले हुये नगर पालिका के चुनावों में उनका नाम था और उन्होंने अपने मत का प्रयोग भी किया था लेकिन लोकसभा चुनाव में उनका नाम वोटर लिस्ट से गायब है ये सरासर मतदाताओं के साथ नाइंसाफी है।
वहीं नैनीताल के इकलौते "ऑल वुमन बूथ" पर ऐसा मामला भी सामने आया जहां मतदाताओं के नाम वोटर लिस्ट में होने के बावजूद भी वोटर्स को वोट नहीं डालने दिया,जिसकी वजह से पोलिंग बूथ आये वोटर्स में खासी नराजगी देखने को मिली।
पोलिंग बूथ की बीएलओ बीना उप्रेती ने इस बात पर आपत्ति भी जताई और शिकायत भी की।
बीएलओ को चुनाव से पहले पूरी रिपोर्ट तैयार करके आयोग को देनी होती है रिपोर्ट में कौन मतदाता अनुपस्थित था या मृत था या फिर किसी और जगह ट्रान्सफर की वजह से नहीं मिल पाया ऐसे मतदाताओं की सूची तैयार कर अनुपस्थित मतदाताओं के नाम के आगे 'ए' मृतकों के नाम के आगे 'डी' तथा ट्रान्सफर हो चुके लोगों के नाम के आगे 'एस' शाॅर्ट फार्म में प्रयोग करना था।इस बूथ पर भी ऐसे कई मतदाताओं के नाम थे जिनके आगे 'ए' लिखा हुआ था और वो लोग मतदान के लिये बूथ आये थे पर बीएलओ का आरोप है कि मतदाताओं को वोट डालने ही नहीं दिया।ऐसे मामलों में 'फार्म 17क भरने के पश्चात् वोट डाला जा सकता है ।लेकिन इस तरह के मतदाताओं को बीएलओ के आरोपानुसार पीठासीन अधिकारी ने दोपहर दो बजे के बाद आने को कहा।ऐसे में कई मतदाता वोट डाले बिना ही वापस चले गये।चुनाव में एक एक वोट बहुत कीमती होता है एक वोट से जीत या हार भी हो सकती है पर लापरवाही की वजह से आज नैनीताल में मतदाताओं को वोट डाले बिना ही नाराज होकर घर वापस जाना पड़ा।