क्या खनन के इस खेल में प्रशासन की भी है मिलीभगत

बेरीनाग विकास खण्ड व तहसील थल से 15 किलोमीटर की दूरी केदारेश्वर में रामगंगा नदी में अवैध खनन का धंधा जोरो से चल रहा है, यहां पर खनन माफियाओं द्वारा अवैज्ञानिक ढंग से खनन कर नदी में गड्ढे ही गड्ढे बना दिये गए है ,यहां पर रामगंगा नदी में प्राचीन नैनी केदारेश्वर मन्दिर को भी नुकसान पहुचाया जा रहा है, यहां पर खनन माफियाओं के हौंसले इतने बुलंद हैं कि खुलेआम घोड़ो के सहारे अवैध खनन सामग्री को खनन मफियाओं द्वारा कमतोली में सड़क तक लाई जा रही है । खनन माफियाओं द्वारा खनन सामग्री को वाहनों में लाद कर पिथौरागढ़ को भेजा जा रहा है ।यह क्षेत्र भूगर्भीय रूप से बेहद संवेदनशील है ,प्रतिवर्ष मानसूनकाल मे रामगंगा नदी द्वारा भारी तबाही होती है,हैरानी की बात है यह कि जगह जगह पुलिस व वनविभाग की चौकिया होने के बाद भी अवैध खनन सामग्री से लदे वाहन पिथौरागढ़ पहुच जाते हैं, इस प्रकार हो रहे अवैध खनन से प्रशासन की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में है,