राजस्थान में फंसे छात्रों को भी उत्तराखंड नही ला पा रही त्रिवेंद्र सरकार ।

उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने राजस्थान कोटा में फंसे छात्रों को सुरक्षित निकालने की कवायद शुरू कर दी है,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ में उत्तर प्रदेश के बच्चों को लाने के लिए करीब 300 बसें राजस्थान रवाना कर दी।


दरअसल 25 मार्च को हुए लॉक डाउन की वजह से कोटा राजस्थान में उत्तर प्रदेश उत्तराखंड और देश के कई राज्यो के बच्चे फंस गए थे,जिसके बाद इन बच्चों द्वारा ट्वीटर्स, फेसबुक इत्यादि सोशल साइट्स पर अपने अपने राज्य की सरकारों से मदद की गुहार लगाई,लेकिन हर जगह निराशा ही हाथ लगी तब लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने इन बच्चों को सुरक्षित उनके घर पहुंचाने के लिए मदद का हाथ आगे बढ़ाया लेकिन उनकी कोशिश भी रंग नही लायी अब केंद्रीय एजेंसियों के कहने पर कोटा से बच्चों को निकालने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।


उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने तो अपने राज्य के बच्चों को वापस लाने की कवायद शुक्रवार 17 अप्रैल से शुरू कर दी है ।


अब अगर बात करें उत्तराखंड की तो उत्तराखंड सरकार अब भी सो रही है,उत्तराखंड के सीएम लॉक डाउन में भी हवाई मार्ग से खटीमा शोक सभा मे जा सकते हैं लेकिन कोटा में फंसे अपने ही राज्य के बच्चों को सुरक्षित वापस उनके घर पहुंचवाने के लिए उन्होंने अब तक मामले का संज्ञान भी नही लिया। वहीं उत्तराखंड के प्रमुख सचिव उत्पल कुमार का इस मामले में कहना है कि भारत सरकार ने जो गाइडलाइंस जारी की है उनके हिसाब से इंटर स्टेट मूवमेंट को भी वर्जित किया गया है इसलिए बहुत लार्ज स्केल में लोगों का मूवमेंट राज्यो के बीच करवा पाना अभी नही लगता कि ये संभव हो पायेगा। 

देखिए क्या कहा मुख्य सचिव उत्पल कुमार सिंह ने .


एक तरफ उत्तराखंड सरकार की ओर से पल्ला झाड़ते हुए ये बयान आता है वही दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश की योगी सरकार केंद्र की गाइडलाइंस के प्रोटोकॉल को तोड़कर भी 300 बसों का इंतज़ाम कर कोटा राजस्थान में फंसे हुए बच्चों को कोरोना संक्रमण के खतरे से बचाते हुए वापस उनके घर पहुंचाने के लिए त्वरित कार्यवाही करती है। क्या एक ही देश मे अगल बगल दो अलग अलग राज्यो में ये सब हो रहा है, एक उदासीन सरकार तो दूसरी अपनी जनता के लिए चिंतित सरकार?


गौरतलब है की उत्तराखंड के अलावा कई राज्यो के हज़ारो छात्र छात्राएं कोटा राजस्थान में मेडिकल और इंजीनियरिंग की कोचिंग करने जाते हैं,अचानक लगे लॉक डाउन की वजह से हज़ारो छात्र कोटा में ही फंस कर रह गए,इन सभी बच्चों के पैरेंट्स को अब चिंता सताना स्वाभाविक है क्योंकि कोटा में तेज़ी से कोरोना संक्रमण फैल रहा है अभी वहाँ कुल 64 मरीज कोरोना के मरीज हैं,जिस वजह से वहां फंसे बच्चों के माँ बाप अपने अपने राज्यो की सरकारों से उन्हें घर वापस लाने की गुहार लगा रहे हैं।बीते मंगलवार को भी सैकड़ो की तादात में कोचिंग विद्यार्थी कई किमी पैदल चलकर कलेक्ट्रेट परिसर पहुंचे लेकिन किसी को भी वापस जाने की अनुमति नही मिली जिसके बाद छात्रों ने ट्वीटर पर ही अभियान चला दिया।

ट्वीटर पर छात्रों द्वारा चलाया गया अभियान काम कर गया वर्क ओर लोकसभा अध्यक्ष उनके पक्ष में आगये तो दूसरी तरफ कोटा जिला कलेक्टर ओम कसेरा ने भी विशेष प्लान तैयार कर लिया जिसके तहत 17 अप्रैल को उत्तर प्रदेश से 200 बसें कोटा के लिए रवाना हुई,जिनमे पुलिसकर्मियों, गार्डों,ड्राईवर,और अटेंडेंट शामिल किए गए हैं,साथ ही मास्क,सेनिटाइजर, नाश्ते के पैकेट, पानी की बोतलें, इत्यादि उपलब्ध करवाई गई हैं।

दबंग योगी सरकार ने तुरंत अपने राज्य के बच्चों को सुरक्षित उनके घर पहुँचाने की मुहिम चला दी लेकिन उत्तराखंड सरकार फिलहाल ज़िम्मेदारी लेने से भी हिचकिचा रही है।