राजनीति के दलदल में सड़क ने तोड़ा दम

शहर के बीचों बीच एक ऐसा इलाका भी है जहाँ लोग नागरिक जीवन जी रहे है बजबजाती सड़क और गडढों में हिचखोले खाते वाहन से ट्रांजिट कैम्प के लोगो अब त्रस्त हो चुके है । घर से निकल ने से पहले लोगो को सोचना पड़ता है । सड़को पर नालियों का गंदा पानी तालाब का रूप ले चुकी है ।पैदल और साईकिल सवारों के लिए इस सड़क से गुजरना किसी जोखिम से कम नही है । इस मे गिरकर लोगो को चोटिल तक होना पड़ता है ऐसा तब जब खुद सूबे के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिह रावत इस सड़क को सरकार बनने के साथ घोषित कर चुके है ।पूर्व की बात करें तो तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भी सड़क को जल्द बंनाने का लोगों को भरोसा दिलाया था वाबजूद सालो बाद भी नतीजा सिफर ।हाल ही में लोगो के विरोध पर सरकार ने करीब ढाई किलोमीटर लंम्बी इस सड़क का नौ सौ मीटर हिस्सा बनाने का भरोसा दिलाया । इससे न तो फुटपाथ शामिल था न नाली और नाला और न ही डिवाइडर । 1.71 करोड़ स्वीकृत होने की बात भी कही गई थी लेकिन हवा हवाई । पीडब्ल्यूडी ने भी अब हाथ खड़े कर दिए । यह तक कि विधायक से लेकर मेयर और पार्षद तक इस सड़क को लेकर बेहद चिंतित है । उन्हें अपना वोट बैंक तेजी से खिसकता दिख रहा है ।