राजद्रोह का कानून 124A हटायेगी कांग्रेस -कांग्रेस घोषणापत्र

आपको शायद याद हो असीम त्रिवेदी फेमस कार्टूनिस्ट। 2012 में यूपीऐ सरकार ने असीम पर सेक्शन 124 A के अंतर्गत देशद्रोह का आरोप लगाकर जेल भिजवा दिया था।हुआ कुछ यूं था कि असीम ने सरकार से नाराज़ होकर एक कार्टून बनाया था, जिसमें असीम ने अशोक की लाट की काॅपी बनायी थी पर उस तस्वीर में तीन भेड़िये बना दिये थे, जिनके मुंह से खून टपक रहा था और नीचे असीम ने "सत्यमेव जयते" की जगह "भ्रष्टमेव जयते" लिख डाला।सीधी सी बात है असीम सरकार के कामों से खुश नहीं था और असीम ने अपने कार्टून के जरिये अपना प्रतिरोध प्रकट किया, उस कार्टून के एक किनारे पर "नैशनल एम्ब्लेम वुल्फ्स विद दि साइन ऑफ डेंजर " भी लिख डाला, इस बात से खफा यूपीए सरकार ने असीम के खिलाफ देशद्रोह का चार्ज लगा दिया और मुम्बई में असीम को धारा 124A के तहत गिरफ्तार कर लिया गया था, ये मामला तूल पकड़ने लगा था क्योंकि किसी भी लोकतांत्रिक देश में जनता को पूरा अधिकार होता है कि अगर वो सरकार द्वारा किये गये कामों से खुश नहीं है तो जनता अपना विरोध जाहिर कर सकती है ।
असीम की गिरफ्तारी से कांग्रेस सरकार की खूब आलोचना हुई कि अंग्रेजों के बनाये हुये इस कानून का यूपीए सरकार गलत प्रयोग कर रही है, तब प्रसारण मंत्री अंबिका सोनी ने भी असीम के बनाये हुये कार्टून पर कहा कि "किसी भी कार्टूनिस्ट को संवैधानिक मापदंडों की हदों में में रहना चाहिये वो राष्ट्र प्रतीकों को अपने कार्टून का विषय नहीं बना सकते"।
असीम की गिरफ्तारी की आलोचना अंतर्राष्ट्रीय संगठन' 'रिपोर्टर्स विदआउट बार्डर्स 'ने भी की और असीम की रिहाई की मांग की।खैर मुम्बई कोर्ट ने 'जनता को सरकार की नीतियों का विरोध करने का हक होता है बशर्ते वो हिंसा ना फैलाये' ये कहकर असीम को बरी कर दिया, पर असीम भी पहले जमानत ना लेकर दो हफ्ते की सजा काट चुका था। असीम ने और भी कई कार्टून सरकार के खिलाफ बनाये थे, जिनकी वजह से असीम हमेशा विवादों मे घिरा रहा।
अब कांग्रेस ने कल अपने घोषणा पत्र में इसी कानून को हटा देने की बात कही है ,जबकि कांग्रेस ने खुद इस कानून का दुरूपयोग किया था। अगर कांग्रेस लोकसभा चुनाव जीतती है तो क्या जेएनयू के कन्हैया कुमार जैसों को फुल आजादी मिल जायेगी? भारत के टुकड़े कर देने के नारे फिर वैध हो जायेंगे?हर घर से आतंकवादी अफजल निकालने की बातें कानून के दायरे में आ जायेंगी?धारा 370 भी कश्मीर से नहीं हटेगी?इस तरह के मेनोफिस्टो को तैयार करने से पहले शायद कांग्रेस ने एक दूसरे की राय नहीं ली या आनन फानन में तैयार ये घोषणा पत्र बस रफ काॅपी की तरह रख दिया लाकर स्टेज पर।इस घोषणा पत्र को देखकर यही लगता है कि माॅडल पुराना है बस नया बाहरी कवर लगा दिया गया है और एक दो वादे ऐसे कर दिये जो देश विरोधी जान पड़ रहे हैं।सेना के लिये क्या देखिये क्या लिखा है घोषणा पत्र में।
कांग्रेस का घोषणा पत्र कितना सही है और कितना गलत है ये जनता फैसला लेकर अपने हक के लिये तय कर लेगी कि कौन सी पार्टी देश के लिये बेहतर भविष्य बना सकती है।