रमेश पोखरियाल निशंक बनाम मनीष वर्मा

रमेश पोखरियाल निशंक की मुश्किलें अब और ज्यादा बड़ गयी हैं,निशंक को राहत मिलने का भी फिलहिल कोई जरिया नजर नही आ रहा है आपको बता दें कि हाल ही में भाजपा के बागी प्रत्याशी मनीष वर्मा हरिद्वार लोकसभा से चुनाव लड़ रहे हैं जिन्होंने निशंक की मुश्किलें बढ़ा दी हैं उन्होंने निशंक के नामांकन को नैनीताल हाईकोर्ट में चुनौती दी है जिसमें सोमवार को सुनवाई होनी है वही एक और मामला सामने आया जहां पहले चुनाव आयोग ने एक नोटिस भेजकर निशंक की नींदे  उड़ा दी वहीं अब  हरिद्वार से भाजपा के सांसद प्रत्याशी रमेश पोखरियाल निशंक की तानाशाही के नए सबूत चुनाव के दौरान घूम  रहे है इन सबूतों में सबसे बड़ी खबर यह कि रमेश पोखरियाल निशंक की वर्ष 2014 में नामांकन की आपत्तियां आज तक भी निस्तारित नही हुई हैं  जिनके सबूत के रूप में निर्वाचन अधिकारी कें पत्र व राज्य सूचना आयोग के आदेश यहाँ संलग्न है 

सबसे बड़ी खबर यह है कि रमेश पोखरियाल  निशंक को राज्य  सरकार द्वारा दो अलग अलग स्थानों पर भूमि आवंटित की गई है जिसमे एक भूमि श्रीनगर में उन्हें संपादक सीमांत वार्ता के नाम पर आवंटित की गई जो उन्होंने  छिपाया है  तथा दूसरी संपत्ति हिमालयन आयुर्वेदिक कॉलेज के नाम से आवंटित हुई है जिसमे आयुषी निशंक शामिल है और तब उनका विवाह नही हुआ था ।

साथ ही बड़ी खबर यह है कि रमेश पोखरियाल निशंक के स्वाथ्य मंत्री रहते 600 करोड़ का NRHM घोटाला हुआ था जिसमे expire डेट की दवाईंया रुड़की के जंगलों में मिलीं थी और रमेश पोखरियाल के खिलाफ हरीश रावत ने CBI जांच की संस्तुति की थी तथा तत्कालीन अपर सचिव गृह मंजुल जोशी ने G.O भी कर दिया था जो संलग्न है तथा CBI  का लेटेस्ट जवाब भी सलग्न है और बड़ी बात है कि यह फ़ाइल गायब करवा दी गयी है और वो अब अनट्रेसेबल  है ।

मुख्यमंत्री आवास की देनदारियां पिछली बार भी उठाई गई थी जो अब तक जांच के घेरे में है