मुनिचिदानंद द्वारा रिजर्व फारेस्ट की भूमि पर अतिक्रमण के मामले हाइकोर्ट सख्त

उत्तराखंड हाईकोर्ट की खंडपीठ ने मुनिचिदानंद द्वारा 35 बीघा रिजर्व फारेस्ट की भूमि पर अतिक्रमण के मामले में जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्व वन सचिव, डीएफओ हरिद्वार जिलाधिकारी देहरादून, सहित सम्बधित विभागों से 2 सप्ताह में शपथ पत्र के विस्तृत जवाब दाखिल करने के आदेश दिए है। मामले की सुनवाई के लिए कोर्ट ने 10 दिसम्बर की तिथि नियत की है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खण्डपीठ में हुई।
आपको बतादे कि हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है ऋषिकेश के निकट वीरपुर खुर्द वीरभद्र में मुनि चिदानंद ने रिजर्व फारेस्ट की 8 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर वहां पर 52 कमरे, एक बड़ा हाल और गौशाला का निर्माण कर लिया है। चिदानंद के रसूखदारों से सम्बन्ध के चलते वन विभाग व राजस्व विभाग द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही हैं।
आपको बतादे कि हरिद्वार निवासी अर्चना शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है ऋषिकेश के निकट वीरपुर खुर्द वीरभद्र में मुनि चिदानंद ने रिजर्व फारेस्ट की 8 हेक्टेयर भूमि पर कब्जा कर वहां पर 52 कमरे, एक बड़ा हाल और गौशाला का निर्माण कर लिया है। चिदानंद के रसूखदारों से सम्बन्ध के चलते वन विभाग व राजस्व विभाग द्वारा इसकी अनदेखी की जा रही हैं।