मुनश्यारी के नापढ़ गाँव का लाल हुआ शहीद ।

तहसील मुनस्यारी के (नापड गाव) थल के पास ही नापड़ गाँव का रहने वाला 21 कुमाऊँ सेना का 40 वर्षीय हवलदार गोकर्ण सिंह चुफाल कल दोपहर 2 बजकर 30 मिनट में उड़ी बारामूला सेक्टर के पास पाक सेना के साथ हुए मुठभेड़ में शहीद हो गये हैं ।
थल से सोलह किमी दूर उनके गाँव नापड़ में जैसे ही कल रात 9 बजे उनके शहीद होने की खबर आई , पूरे गाँव में शोक की लहर दौड़ गयी है ।
शहीद गोकर्ण का परिवार पिछले 6 साल से बरेली में रहता हैं.उनकी पत्नी गोदावरी देवी (37 )अपने लड़के मनीष (16) व लड़की चाँदनी (14) के साथ किराये के मकान में रहकर वहां अपने इन बच्चों को सैनिक स्कूल बरेली में पढ़ा रही हैं ।
शहीद के पिता गंगा सिंह चुफाल भी पूर्व सैनिक थे. तथा माता जसोदा देवी गृहणी थी ।
पिता की मृत्यु 2 साल पहले तथा माता की मृत्यु 15 साल पहले हो चुकी थी । घर पर उसका छोटा भाई नरेश सिंह चुफाल (35)रहता हैं । गोकर्ण दो साल पहले ही काठगोदाम से पोस्टेड होकर उड़ी सेक्टर गए थे अभी दिसम्बर माह में वह अपने गाँव पूजा करने भी आये थे ।
1999 में कारगिल युद्ध के दौरान वह थल के गोचर से 21 कुमाऊँ में भर्ती में भर्ती हुए थे ।
शहीद के गाँव में डिजिटल इंडिया के समय मोबाईल का कोई सिग्नल नहीं होने से भी यह पता नहीं लग रहा हैं कि मृतक का शव कब तक पहुंचेगा ?
गाँव के लोग अपने लाल को देखने के लिए उसका बेसब्री से इन्तजार कर रहे हैं.मिलनसार शहीद गोकर्ण की मौत से गाँव की महिलायें बहुत दुःखी हैं ।