बड़कोट में जान जोखिम में डालकर आवाजाही कर रहे है ग्रामीण, प्रशासन नहीं ले रहा सुध

प्रदेशभर में मॉनसूनी बारिश का दौर जारी है, बारिश प्रदेश के पर्वतीय अंचलों में कहर बरपा रही है, प्रशासन की खामियां लोगों पर भारी पड़ रही हैं, इसकी बानगी उत्तरकाशी के धारमंडल क्षेत्र के खरादी-नगाण गांव में साफ देखी जा सकती है, जहां यमुना नदी पर साल 2018 में पुल का निर्माण शुरू कराया गया था,जो अब तक बनकर तैयार नहीं हो पाया है,ऐसे में अब ग्रामीणों को यमुना के बढ़ते जलस्तर का खौफ सता रहा है, इस बार भी लोग जान जोखिम में डालकर आवाजाही करने को मजबूर हैं।

दरअसल बड़कोट तहसील के धारमंडल क्षेत्र के रवाड़ा सहित 10 से 12 गांवों के लोगों की आवाजाही के लिए यमुना नदी पर वैकल्पिक मार्ग बनाया गया था, जो नदी का जलस्तर बढ़ने से बह गया है, वर्तमान में ग्रामीण अपनी जान जोखिम में डालकर नदी पार कर रहे हैं, वहीं स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि मामले को कई बार प्रशासन के समक्ष उठाया गया, लेकिन प्रशासनिक अधिकारी शायद किसी बड़ी अनहोनी का इंतजार कर रहे हैं।वहीं स्थानीय लोगों का कहना है कि प्रशासन ने जो वैकल्पिक मार्ग बनवाया था, वो नदी के तेज बहाव में बह गया है, जिससे उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, कई बार वाहन बीच नदी की धारा में ही फंस जाते हैं, जिन्हें जेसीबी की मदद से निकालना पड़ता है।