बिजली विभाग में तैनात अधिकारी, कर्मचारियों को सस्ती बिजली देने का मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट में

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा बिजली विभाग में तैनात अधिकारी और कर्मचारियों को सस्ती बिजली देने व आम जनता के लिए बिजली की दरों को बढ़ाने के खिलाफ दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए कोर्ट ने एम डी ए से  2 दिसम्बर को व्यक्तिगत रूप से पेश होने को कहा है।साथ ही सचिव ऊर्जा को 1सप्ताह में शपथ पत्र पेश करने को कहा है।मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आलोक कुमार वर्मा की खंडपीठ में हुई।मामले के अनुसार देहरादून की आरटीआई क्लब ने उत्तराखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा है कि सरकार विद्युत विभाग में तैनात अधिकारियों से 1महीने का बिल मात्र 400 से 500 रुपए एवं अन्य कर्मचारियों से 100 रुपए ले रही है जबकि इनका बिल लाखो में आता है जिसका बोझ सीधे जनता पर पड़ रहा है।वहीं याचिकाकर्ता का कहना है कि प्रदेश में कई अधिकारियों के घर बिजली के मीटर तक नहीं लगे हैं जो लगे भी है वे खराब स्थिति में हैं।वहीं कोर्पोरेशन ने वर्तमान कर्मचारियों के अलावा रिटायर व उनके आश्रितों को भी बिजली मुफ्त में दी है जिसका सीधा भार आम जनता की जेब पर पड़ रहा है।याचिकाकर्ता का कहना है कि उत्तराखंड ऊर्जा प्रदेश घोषित है लेकिन यहां हिमांचल से मंहगी बिजली है जबकि वहाँ बिजली का उत्पादन तक नही होता है।