बागेश्वर के जिला पंचायत उपाध्यक्ष के निर्वाचन का मामला पहुंचा उत्तराखंड हाईकोर्ट

बागेश्वर के जिला पंचायत उपाध्यक्ष के निर्वाचन का मामला उत्तराखंड हाईकोर्ट पहुंच गया है। जिला पंचायत उपाध्यक्ष की उम्मीदवार गरुड़ निवासी भावना देवी द्वारा दाखिल याचिका पर सुनवाई अन्य लंबित याचिकाओं के साथ 25 नवम्बर को नियत की है। मामले में आज न्यायमूर्ति सुधांश धुलिया की एकलपीठ के समक्ष सुनवाई हुई।
आपको बता दे कि गरुड़ निवासी भावना देवी ने नवीन परिहार के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा है कि उपाध्यक्ष पद पर दस वोट पड़े थे,जिसमें उनके पक्ष में पड़ी एक वोट को निरस्त मानकर दोनों उमीदवारों के 9-9 वोट प्राप्त होना बताया गया, उन्होंने आरोप लगाया कि जो वोट उनके पक्ष में पड़ा था, उसे गलत तरीके से रद्द घोषित किया गया है। अगर उस वोट को गिना जाता तो परिणाम उनके पक्ष में 10-9 से आ जाता, लाटरी की जरूरत नही पड़ती।मतदान के बाद उन्हें व उनके प्रतिद्वंद्वी को बराबर 9 - 9 वोट दिखाकर लॉटरी प्रणाली से पर्ची निकाली गयी जिसमें पर्ची उसके नाम की निकली। नियमानुसार पर्ची निकलने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाता है।लेकिन निर्वाचन अधिकारी व अन्य अधिकारियों ने उन्हें निर्वाचित घोषित न कर विपक्षी नवीन परिहार को विजयी घोषित कर दिया। याचिका में भावना देवी ने नवीन परिहार के चुनाव को चुनौती दी है जिसमे न्यायालय से गुहार लगाई गई है कि नवीन परिहार के चुनाव को रद्द घोषित कर याचिकाकर्ता को उपाध्याय पद पर चयनित घोषित किया जाय।
आपको बता दे कि गरुड़ निवासी भावना देवी ने नवीन परिहार के निर्वाचन को हाईकोर्ट में चुनौती देते हुए कहा है कि उपाध्यक्ष पद पर दस वोट पड़े थे,जिसमें उनके पक्ष में पड़ी एक वोट को निरस्त मानकर दोनों उमीदवारों के 9-9 वोट प्राप्त होना बताया गया, उन्होंने आरोप लगाया कि जो वोट उनके पक्ष में पड़ा था, उसे गलत तरीके से रद्द घोषित किया गया है। अगर उस वोट को गिना जाता तो परिणाम उनके पक्ष में 10-9 से आ जाता, लाटरी की जरूरत नही पड़ती।मतदान के बाद उन्हें व उनके प्रतिद्वंद्वी को बराबर 9 - 9 वोट दिखाकर लॉटरी प्रणाली से पर्ची निकाली गयी जिसमें पर्ची उसके नाम की निकली। नियमानुसार पर्ची निकलने वाले उम्मीदवार को विजेता घोषित किया जाता है।लेकिन निर्वाचन अधिकारी व अन्य अधिकारियों ने उन्हें निर्वाचित घोषित न कर विपक्षी नवीन परिहार को विजयी घोषित कर दिया। याचिका में भावना देवी ने नवीन परिहार के चुनाव को चुनौती दी है जिसमे न्यायालय से गुहार लगाई गई है कि नवीन परिहार के चुनाव को रद्द घोषित कर याचिकाकर्ता को उपाध्याय पद पर चयनित घोषित किया जाय।