बागेश्वर कपकोट से कर्मी मोर्टर मांर्ग अब तक पूरा नहीं बना

प्रदेश सरकार जहां पहाडों में विकास कार्यो की बात करती है आजादी के 69 वर्ष बीत जाने के बाद भी विकास कार्यो से आज भी बागेश्वर का कर्मी गांव कोसो दूर है। बडे संघर्ष के बाद ग्रामीणों ने मोर्टर मार्ग का कार्य शुरू कराया। लेकिन कपकोट से कर्मी मोर्टर मांर्ग को बाहर वर्ष बीत जाने के बाद भी मोर्टर मार्ग का काम अधूरा पडा हुआ है। बाहर वर्ष बाद भी इस रोड मे डामरीकरण तक नही हो पाया है। जिस कारण लोगों को ऊची घुमावदार चट्टानों से जान हथेली पर रख कर सफर करने को मजबूर है। मोर्टर मार्ग में डामरीकरण को लेकर यहां के लोग कई बार आन्दोलन तक कर चुके है। उसके बाद भी ग्रामीणों की मोर्टर मार्ग में डामरीकरण करने को लेकर कोई सुनवाई तक नही हो पायी है। ऐसा लगता है कि आला अफसर अपने कानों में रूई ढाले बैठे है। वहीं मोर्टर मार्ग पर डामरीकरण नही होने से टैक्सी गाडियां भी ग्रामीणों से मन माना किराया वसूल रही है। इसकी शिकायत भी जिलाधिकारी मे ग्रामीणों द्वारा की गयी। लेकिन प्रशाासन मन माने किराये को रोकने में असफल रही रहा है।

मोर्टर मार्ग के निर्माण के लिए 1995 से आन्दोलन रथ है मोटर्र मार्ग के लिए यहां के लोग 45 दिन तक जेल में रह चुके है। लेकिन अभी तक मोटर्र मार्ग का कार्य पूरा तक नही हो पाया है। जगह जगह पर दुर्घटना होने का ग्रामीणों को भय बना रहता है। उसके बावजूद शासन प्रशासन द्वारा कर्मी गांव की अन्देखी की जा रही है। 

वहीं ग्रामीणों ने अपना दर्द बोलते हुए कहा कि बरसात के समय मोर्टर मार्ग बन्द हो जाता है। यहां के ग्रामीणों के पास कोई और दूसरा विकल्प नही है मोर्टर मार्ग बन्द होने के कारण लोगों को करीब 30 किलोमीटर दूर चल कर कपकोट जाना पडता है। कर्मी में अभी तक दूरसंचार की कोई व्यवस्था तक नही है।

वही इस सड़क के मामले जिलाधिकारी का कहना है निर्माण कम्पनी को नोटिस जारी किया गया है। अगर जल्द कोई जवाब नहीं मिलने पर और कपकोट कर्मी मोटर मार्ग का कार्य शुरू नहीं करने पर संबंघित ठेकेदार निर्माण कंपनी को ब्लैक लिस्टेड किया जायेगा और साथ ही उन पर कड़ी कार्यवाही की जाएगी।