प्रणव पंड्या पर दुराचार आरोप मामले में पीड़ित के बयान दर्ज कर रिपोर्ट पेश करे पुलिस:हाई कोर्ट

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 2010 से 2014 के बीच नाबालिग के साथ हुए दुराचार मामले में सुनवाई करते हुए कोर्ट ने पुलिस को सीआरपीसी की धारा 161 व 164 में पीड़िता के बयान दर्ज कर रिपोर्ट पेश करने के साथ ही विवेचना की प्रगति रिपोर्ट पेश करने को कहा है मामले की अगली सुनवाई 23 जून को नियत की है । मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।
आपको बता दें कि अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वर्ष 2010 से 2014 में छत्तीसगढ़ के एक गरीब माता पिता ने अपनी नाबालिक 14 साल की पुत्री को देहरादून निवासी प्रणव पांड्या और उनकी पत्नी के यहां काम करने के लिए छोड़ा था। प्रणव पांड्या ने 14 साल की नाबालिक के साथ कई बार दुराचार किया जिसकी शिकायत पीड़िता ने उनकी पत्नी से की तो उसने नाबालिक को डरा धमकाकर उसका मुँह बंद करा दिया । याचिकाकर्ता की मांग है कि इनका खाता सील करने के साथ ही उत्तराखंड में इनके द्वारा संचालित की जा रही चार्टर्ड यूनिवर्सिटी पर भी कार्रवाई की जाए.याचिकर्ता का कहना है पांड्या शान्तिकुज आश्रम के प्रमुख श्रीराम शर्मा के दामाद है । पीड़िता ने पांडिया की पत्नी शैलजा के खिलाफ दिल्ली के विवेक विहार में जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी। पांडिया के पास शांतिकुंज के अलावा देव संस्कृति विश्वविद्यालय के कुलाधिपति, ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान के निदेशक,अखण्ड ज्योति पत्रिका का सम्पादक की जिम्मेदारी भी है।