प्रणव पंड्या द्वारा नाबालिग दुराचार मामले में 3 माह के भीतर चार्जशीट दाखिल हो:हाई कोर्ट

उत्तराखंड हाईकोर्ट ने 2010 से 2014 के बीच नाबालिक के साथ हुए दुराचार मामले में आज कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद याचिका को निस्तारित करते हुए 3 माह में संबंधित कोर्ट में चार्ज शीट पेश करने को कहा है। साथ ही कोर्ट ने कहा है जांच के लिए उत्तराखंड आने पर सीमा पर ही पीड़िता को राज्य सरकार पुलिस सुरक्षा उपलब्ध कराए। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।


 आपको बता दे अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि वर्ष  2010 से 2014 में छत्तीसगढ़ के एक गरीब माता पिता ने अपनी नाबालिक 14 साल की पुत्री को देहरादून निवासी प्रणव पांड्या और उनकी पत्नी के यहां काम करने के लिए छोड़ा था। प्रणव पांड्या ने 14 साल की नाबालिक के साथ कई बार दुराचार किया जिसकी शिकायत पीड़िता ने उनकी पत्नी से की तो उसने नाबालिक को डरा धमकाकर उसका मुँह बंद करा दिया. याचिकाकर्ता की मांग है कि इनका खाता सील करने के साथ ही उत्तराखंड में इनके द्वारा संचालित की जा रही चार्टर्ड यूनिवर्सिटी पर भी कार्रवाई की जाए.याचिकर्ता का कहना है पांड्या शान्तिकुज आश्रम के प्रमुख श्रीराम शर्मा के दामाद है ।पीड़िता ने पांडिया की पत्नी शैलजा के  खिलाफ  दिल्ली के विवेक विहार में जीरो एफआईआर दर्ज कराई थी।