पिटकुल में ट्रांसफार्मर घोटाला

विगत 31 मई को पिटकुल के 220/132 के वी झाझरा सबस्टेशन पर 2014 में लगे 160 MVA आईएमपी IMP मेक पॉवर ट्रांसफॉर्मर क्षतिग्रस्त हो गया था।ज्ञात हो कि उक्त दो साल की वारंटी से बाहर पॉवर ट्रांसफॉर्मर के क्षतिग्रस्त हो जाने से स्तब्ध पिटकुल के अधिकारियों ने मामले को छुपाने के काफी प्रयास किये थे क्यूंकि इससे लगभग 10 करोड़ की क्षति पहुंची है! हालाँकि तीन दिन तक विभागीय अभियन्ता कारणों का पता लगाने में जुटे तो रहे। परन्तु ये तो पिटकुल के अभियन्ता हैं इनका तो कहना ही क्या? करे कोई और भरे कोई से दहशत भी तो बरकरार है?सचिव ऊर्जा राधिका झा के कड़े तेवरों और बारबार छीछालेदर से बचने के लिए भारत सरकार की विश्वसनीय संस्था PGCIL को जाँच सौंपी गई परिणामस्वरूप टीम गत दिवस झाझरा सब स्टेशन पर पहुँच गयी थी। बताया जा रहा है की टीम ने ट्रांसफार्मर के क्षतिग्रस्त होने के कारणों की जाँच पूरी कर ली है वहीं दूसरी ओर अपनी गुडविल की खातिर IMP टीम भी मौके पर उपस्थित रही। अगर माने तो तीनों निगमों के एमडी बाली यह उच्चस्तरीय टीम बिना किसी दवाब और प्रभाव के वास्तविकता का पता लगाने और इसकी तह तक पहुँचने और दूध का दूध और पानी का पानी करने की कोशिश में दिखाई तो पड़ रही है, पर रिपोर्ट क्या सौंपी जाती है? उक्त जाँच रिपोर्ट सचिव ऊर्जा के अवकाश से वापस आते ही सौंप दी जायेगी उसके बाद देखना गौरतलब होगा कि मैडम क्या रुख अपनाती है?उल्लेखनीय है कि यूँ तो पहले भी शासन स्तर पर यादव काल में खरीदे गए इन सभी 29 ट्रांसफार्मरों की खरीद में गड़बड़ी से लेकर गुणवत्ता और अबतक के घालमेल की जाँच PGCIL से कराए जाने की बात कई बार जोर शोर से उठ चुकी परंतु शासन के दबाव व प्रभाव के कारण परवान नही चढ़ सकी!