पहले कोरोना की मार, अब मौसम की मार ने चौपट की पहाड़ो की फसल।

कोरोना संक्रमण की मार झेल रहे पहाड़ के काश्तकारों पर अब मौसम की दोहरी मार पड़ी है, बीते दिनों नैनीताल समेत आसपास के पहाड़ी क्षेत्रों में ओलावृष्टि से पहाड़ों में होने वाली फल और फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है जिससे काश्तकारों पर बुरा असर पड़ा है काश्तकारों की मानें तो अब उनके सामने बैंक से लिए गए लोन को वापस करने का खतरा मंडरा रहा है।


कोरोना वायरस के चलते पहले से ही काश्तकारों को इस बार उनकी फसल का उचित भाव नहीं मिल पा रहा था बची कुची कसर मौसम ने भी किसानों पर पूरी कर दी खेतों में ही आलू, मटर बैगन, बीन समेत आडू, खुमानी पूलम की फसल चौपट हो गई है, नैनीताल का रामगढ़, मुक्तेश्वर क्षेत्र अपनी फसल और फलों के लिए जाना जाता है यहां होने वाले आडू,पुलम समेत अन्य फलों को दिल्ली,मुंबई समेत अन्य महानगरों तक भेजा जाता है जिसकी बड़ी संख्या में हर साल मांग होती है लेकिन इस बार कोरोना वायरस और मौसम की बेरुखी के चलते यह फल और फसल पूरी तरह से चौपट हो गई है जिसका सीधा असर पहाड़ के गरीब काश्तकार पर पड़ा है अब पहाड़ का काश्तकार सरकार से मदद की उम्मीद लगाए बैठा है कि सरकार काश्तकारों की कुछ मदद करें ताकि कास्तकार इस घाटे से उबर सके। इस बार अप्रैल माह में खराब होते मौसम ने साल भर हाड़तोड़ मेहनत करके अपनी आजीविका चलाने वाले काश्तकारों की कमर तोड़कर रख दी है। 


अप्रैल माह में हुई भीषण ओलावृष्टि ने आड़ू की फसल को पूरी तरह बर्बाद कर दिया है। ओलावृष्टि से आड़ू के पेड़ और फलों को टैफ़रिना नामक बिमारी ने खराब कर दिया है। जिसके चलते किसानों को बैंक का कर्ज चुकाने की चिंता सताने लगी है, अब कास्तकार राज्य सरकार से कर्ज लिए धन पर ब्याज में छूट देने के साथ मदद की गुहार लगा रहे है।