परमार्थ निकेतन के स्वामी चिदानंद मुनी की स्वर्गाश्रम की 3 सौ करोड़ की जमीन का मामला पहुंचा हाईकोर्ट

नैनीताल हाईकोर्ट ने मुनि चिदानंद स्वामी के स्वर्गाश्रम आश्रम की 148 नाली जमीन जिसकी कीमत 3 सौ करोड़ रुपये है को राज्य सरकार को हस्तांतरित करने संबंधी जनहित याचिका स्वीकार करते हुए याचिकाकर्ता से पूछा है कि किस तरह से यह राज्य सरकार के पक्ष में इस जमीन को हस्तांतरित किया जा सकता है। मामले की सुनवाई के लिए 8 जून की तिथि नियत की है।
आपको बता दें कि अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका कर कहा है कि मुनि चिदानन्द स्वामी के स्वर्ग आश्रम की 148 नाली जमीन जिसकी कीमत लगभग 3 सौ करोड़ है पर स्वर्गाश्रम बनाया गया है जो कि किसी साहू राम नारायण दास के नाम दर्ज है जिसे वे संत सुखदेव स्वामी को देना चाहते थे, लेकिन उन्होंने उक्त जमीन दान में ना लेकर एक ट्रस्ट बना दिया सन 1972-73 में मुनि चिदानंद ने इस जमीन पर आश्रम बना दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस जमीन को सरकार को हस्तांतरित कर जनता हित के लिए उपयोग में लाया जाए।
आपको बता दें कि अधिवक्ता विवेक शुक्ला ने जनहित याचिका कर कहा है कि मुनि चिदानन्द स्वामी के स्वर्ग आश्रम की 148 नाली जमीन जिसकी कीमत लगभग 3 सौ करोड़ है पर स्वर्गाश्रम बनाया गया है जो कि किसी साहू राम नारायण दास के नाम दर्ज है जिसे वे संत सुखदेव स्वामी को देना चाहते थे, लेकिन उन्होंने उक्त जमीन दान में ना लेकर एक ट्रस्ट बना दिया सन 1972-73 में मुनि चिदानंद ने इस जमीन पर आश्रम बना दिया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि इस जमीन को सरकार को हस्तांतरित कर जनता हित के लिए उपयोग में लाया जाए।