नैनीताल हाईकोर्ट- पूर्व मुख्यमंत्रियों के आवास भत्ता वसूली मामला

पूर्व मुख्यमंत्रियों से आवास भत्ता व अन्य सुविधाओं में हुए खर्च को वसूल करने मामले की सुनवाई करते हुए उत्तराखंड हाई कोर्ट ने 25 नवम्बर की तिथि नियत की है। राज्य सरकार की तरफ से कोर्ट को अवगत कराया गया कि आगामी विधान सभा सत्र मे पूर्व मुख्यमंत्री सुविधा व खर्च पर संसद में नया कानून बनाया जा सकता है। जिस पर याचिकाकर्ता ने आपत्ति जतायी है। अब मामले की सुनवाई के लिए 25 नवम्बर की तिथि नियत की गयी  है।याचिकाकर्ता के अधिवक्ता कार्तिकेय हरि गुप्ता ने बताया कि सरकार पूर्वमुख्यमंत्रियो को लाभ पहुचाने के मकसद से कोई विधान सभा सत्र में कानून बनाती है तो उसे कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। देहरादून की रूरल लिटिगेशन संस्था ने राज्य सरकार के उस ऑर्डिनेंस को जनहित याचिका के माध्यम से चुनौती दी जिसमें राज्य सरकार ने 5 सितंबर 2019 को ऑर्डिनेंस लाकर पूर्व मुख्यमंत्रियों के बकाया किराए को माफ कर दिया था । इससे पूर्व मुख्य न्यायाधीश की खंडपीठ ने पूर्व मुख्यमंत्री भगत सिंह कोश्यारी, नारायण दत्त तिवारी,  विजय बहुगुणा, और रमेश पोखरियाल 'निशंक' को घर खाली कर ब्याज समेत बाजार मूल्य से किराया भरने को कहा था । पूर्व मुख्यमंत्री स्वर्गीय नारायण दत्त तिवारी को नोटिस की श्रेणी से बाहर किया है ।