नैनीताल - रोते हुए राशन मांग रहे नेपाली मजदूर की जेब से निकले नोट ही नोट।

ये सच है कि कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण की वजह से लगाये गए लॉक डाउन ने ज़्यादातर लोगो के रोज़गार पर भी लॉक लगा दिया है,सबसे बड़ी दिक्कत उन लोगो के सामने खड़ी हो गयी है जो रोज कमाते थे और रोज़ खाते थे,ऐसे लोगो के आगे राशन को लेकर कोई बड़ा संकट पैदा न हो इसके लिए प्रशासन, स्वंयसेवी और समाजसेवी संस्थाएं आगे आकर हर स्तर से ज़रूरतमंद लोगो की मदद कर रही हैं,लेकिन नैनीताल में शनिवार की सुबह एक ऐसा मामला भी सामने आया जब पुलिस भी हक्की बक्की रह गयी ।दरअसल नैनीताल में मजदूरी कर रहे एक नेपाली मजदूर ने सुबह खेल के मैदान में आकर पुलिस से हाथ जोड़कर रोते बिलखते मदद की गुहार की,उसने पुलिस से राशन सामग्री इत्यादि की मांग की,ये नेपाली मजदूर जनता था कि नैनीताल पुलिस इनदिनों ऐसे ही गरीब मजदूरों की खूब मदद कर रहा है लेकिन पुलिस ने जब इस नेपाली मजदूर की तलाशी ली तब उसकी जेब से करीब 38 हज़ार रुपये निकले,जिसे देख कर हर कोई वहां मौजूद हक्का बक्का रह गया।, हालांकि नेपाली मजदूर की हालत देखकर कहीं से भी नही लग रहा रहा कि उसके पास इतनी मोटी रकम होगी लेकिन कोतवाल अशोक कुमार को किसी वजह से उस नेपाली मजदूर पर शक हुआ, उन्होंने बाकायदा मज़ाक के लहजे में मजदूर से कहा कि अगर 20 हज़ार से कम पैसे निकले तो मैं तुम्हे 20 हज़ार खुद दूंगा,इसके बाद मजदूर की तलाशी ली गयी और उसकी जेब से 38 हज़ार के करीब रुपये निकले,जिसके बाद कोतवाल अशोक कुमार ने उस मजदूर को रुपये वापस कर फटकार लगाई।

इसके बाद एक और व्यक्ति पैसे ना होने का हवाला लेकर मल्लीताल कोतवाली पहुंचा और राशन मांगने लगा,उसकी भी तलाशी ली गयी और उसकी जेब से भी करीब 3 हज़ार रुपये निकले,जिसके बाद कोतवाल  अशोक कुमार ने उसे भी खूब फटकारा।बता दें कि ऐसे ही कई लोग आए दिन पैसे होने के बावजूद भी राशन मांगने थाने पहुंच रहे हैं जिनकी वजह से असली ज़रूरतमंद बिना मदद मिले ही रह जाते हैं।इसके लिए सतर्कता की बेहद आवश्यकता है।नैनीताल में कई ऐसे परिवार हैं जिन्हें वास्तव में आर्थिक मदद की ज़रूरत है लेकिन कुछ तो सोशल मीडिया में अपनी फोटो आने की वजह से शर्म करते है और राशन इत्यादि नही ले पाते वही दूसरी ओर कुछ ऐसे लोग भी हैं जिनकी जेबें भले ही भरी हो पर वो राशन मांगने के कतार में सबसे आगे खड़े दिखाई देंगे।