नैनीताल : पहली बार कैंची धाम में मंदिर के स्थापना दिवस पर नहीं होगा मेले का आयोजन

स्टीव जॉब्स और मार्क जुकरबर्ग की प्रेरणास्थली और बाबा नीम करौली महाराज के कैंची धाम में इस बार 15 जून को भक्तों की आस्था का हुज़ूम नहीं उमड़ेगा. कोरोना संक्रमण के चलते इस बार मेला आयोजित नहीं किया जाएगा.लॉकडाउन की वजह से कैंची मंदिर में श्रद्धालुओं की आवाजाही पूरी तरह से बंद है.56 सालों में पहली बार ऐसा होने जा रहा है कि कैंची धाम में मंदिर के स्थापना दिवस पर मेले का आयोजन नहीं होगा।इनदिनों जहा हर साल कैंची धाम तक जाने वाली सड़को पर जाम लगा रहता था वही आज पहली बार सारी सड़के सुनसान पड़ी हैं



 यू तो उत्तराखंड देवभूमि है और यहां कण-कण में देवी-देवताओं का निवास माना जाता है.कैंची धाम भी इन्हीं तीर्थ स्थलों में एक है यहां हर साल 15 जून को मंदिर स्थापना दिवस के अवसर पर मेला लगता है, जिसमें लाखों की संख्या में देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं. इस बार कोरोना संक्रमण के चलते बाबा के दर पर सन्नाटा रहेगा. मंदिर प्रबंधन ने कोरोना संक्रमण को देखकर इस बार स्थापना दिवस को सादगी के साथ मनाने का फैसला लिया है.



 बाबा नीब करौली महाराज को हनुमान जी का अवतार माना जाता है. नैनीताल से लगभग 35 किलोमीटर दूर कैंची धाम को लेकर मान्यता है कि यहां आने वाला व्यक्ति कभी खाली हाथ वापस नहीं लौटता. यहां पर मांगी गयी मनौती पूर्णतया फलदायी होती है. यही कारण है कि देश-विदेश से हजारों लोग यहां हनुमान जी का आशीर्वाद लेने आते हैं नीब करौरी बाबा के दरबार में हर साल जून के महीने में नीब करौली बाबा का आशीर्वाद लेने श्रद्धालुओं का तांता लगता था, लेकिन कोरोना महामारी ने इस साल होने वाले मेले के आयोजन में बाधा डाल दी। बाबा के दर्शन कर आशीर्वाद ना मिलने से भक्तों में काफी निराश और मायूस है।