नैनीताल के कैंची धाम में लगा मेला, विशाल भण्डारे में लगा भक्तों का तांता।

आस्था,विश्वास,और चमत्कार ये तीनो बातें किसी की जिन्दगी को बदलने के काफी हैं।अगर आपकी आस्था ईश्वर में है और साथ आपका विश्वास  भी दृढ़ है तो यकीन मानिये

चमत्कार होना भी संभव है।ऐसा ही एक मंदिर आस्था का प्रतीक और भक्तों के अडिग विश्वास को चमत्कार में बदलने की शक्ति रखता है।विश्व प्रसिद्ध कैंची धाम नैनीताल के पास स्थित है,जहां देश विदेश से भक्त बाबा के दर्शन के लिये आते हैं ।25 मई 1962 नीम करौली महराज द्वारा वीरान घाटी में कैंची धाम का पर्दापण किया गया था,तब बाबा ने कहा था कि यहां पर हनुमान जी का भव्य मंदिर बनेगा।

आज इस प्रसिद्ध कैंची धाम में हर वर्ष की तरह आज 15 जून को बाबा नीम करौली महाराज के मंदिर का स्थापना दिवस बड़े धूम धाम के साथ मनाया जा रहा है।  आज के दिन खास तौर पर देश भर के भक्त यहां लगने वाले मेले में शामिल होते हैं और बाबा का आर्शीवाद प्राप्त करते हैं।

फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग और एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब की प्रेरणास्थली कहीं और नहीं बल्कि उत्तराखंड के नैनीताल के इसी प्रसिद्ध मंदिर में हैं। यहां नीम करौली बाबा का कैंची धाम आश्रम दोनों के लिए प्रेरणा स्रोत साबित हुआ है।एप्पल की नींव रखने के पहले स्टीव जॉब को 1970 के करीब कैंची धाम में अध्यात्म से जुड़ने का अवसर प्रदान हुआ था। यहीं उनकों कुछ अलग करने की प्रेरणा मिली। जिस वक्त फेसबुक फाउंडर मार्क जुकरबर्ग फेसबुक को लेकर कुछ तय नहीं कर पा रहे थे तो स्टीव जॉब ने ही उन्हें कैंची धाम जाने की सलाह दी थी।उसके बाद जुकरबर्ग ने 2008 में यहां की यात्रा की और एक स्पष्ट विजन लेकर लौटे।जुकरबर्ग ने भारत के प्रधानमंत्री को भी अपने इस चमत्कारी अनुभव के बारे में बताया था। बाबा नीम करौली महाराज पर लोगों की बड़ी आस्था है। ना सिर्फ भारतीय बल्कि विदेशी भक्तों की भी आस्था इस मंन्दिर से जुड़ी है।मार्क जुकरबर्ग और  स्टीव जॉब के अलावा भी भारी संख्या में विदेशी साधक नीम करौली महाराज से जुड़ रहे हैं।

हाॅलीवुड की प्रसिद्ध अभिनेत्री जूलिया राबर्ट भी बाबा की परम भक्त है।वो भी इस मंदिर में बाबा का आशिर्वाद लेने आ चुकी हैं। कैंची धाम के पास ही सिपरा नदी बहती है जो कि एक उत्तर वाहिनी नदी है,ज्यादातर नदियां दक्षिण वाहिनी होती हैं।कहते हैं इसी नदी में एक बड़े से पत्थर पर बैठकर नीम करौली महराज आराम किया करते थे।

आज के दिश बाबा के नाम पर विशाल भण्डारे का आयोजन किया जाता है, भक्तों की लंबी कतार में बाबा नीम करौरी के जयकारे चारो ओर गूंजती है। स्थानीय लोग हों या फिर देश-विदेश से आने वाले भक्त सभी बाबा के दर्शन के लिए सुबह से ही कतार में लगे रहते हैं। भण्डारा ग्रहण करने के बाद  प्रसाद के तौर पर यहां मालपूये पैकेट में बांध कर दिये जाते हैं।पिछले साल तकरीबन 1 लाख 80 हजार से ज्यादा श्रृद्धालुओं ने बाबा के दर्शन किए थे,लेकिन इस बार यह आंकड़ा 2 लाख से ज्यादा पहुंचने का अनुमान है।लोगों की मान्यता है कि बाबा नीम करौली के दर्शन के लिए जो भी आता है वो यहां से खाली हाथ नहीं जाता है। बाबा के चमत्कार के कारण ही दुनिया भर से लोग यहां पहुचते हैं।

इस मौक में खलल ना पड़े इसके लिये पुलिस ने पुख्ता इन्तजामात भी कर रखे हैं।