निर्वाचन विभाग की कार्यप्रणाली पर उठने लगे सवालों पर सवाल

पौड़ी में हाल ही में सम्पन्न हुए पंचायत चुनाव अब सवालो के घेरे में है ,यहाँ एक तरफ जहाँ पाबौ ब्लॉक में क्षेत्र पंचायत सदस्यों ने  नवनिर्वाचित ब्लाक प्रमुख के पति पर दबाब बनाकर अपने पक्ष में मतदान करवाने का आरोप लगाते हुए अब शपथ ग्रहण में खलल डालने का मन बनाया है तो वहीँ दूसरी तरफ एकेश्वर और चौबट्टाखाल ब्लॉक से हारे प्रधान पद के प्रत्याशियो के साथ ही कुछ क्षेत्र पंचायत सदस्यो ने निर्वाचन विभाग की कार्यप्रणाली को ही सवालो के कटघरे में खड़ा कर डाला है, हारे प्रत्याशियो ने राजनैतिक दलो से मिलीभगत और सांठगांठ के आरोप निर्वाचन विभाग पर लगाये हैं प्रत्याशियो का कहना है कि पीठासीन अधिकारियो की लापरवाही से उन्हें चुनावी हार का सामना करना पड़ा है जिसमे कई वोटर्स की मतपत्रो में पीठासीन अधिकारियो ने हस्ताक्षर ही नही किये , जिस पर इन वोटो की गणना मतगणना में नही की गई और वो गिने चुने वोटो से चुनाव हार गए प्रत्याशियो ने निर्वाचन विभाग के कर्मियो को चुनाव में मिलने वाले प्रशिक्षण पर भी सवाल खड़े किये है ।और  अब हाई कोर्ट की शरण लेने का भी मन बनाया है साथ ही इस गड़बड़ी पर दोबारा से मतदान करवाने की मांग की जा रही है। हारे प्रत्याशियो की माने तो जनता के अमूल्य वोट को भी पीठासीन अधिकारियो की लापरवाही ने निराधार बना डाला जिस पर अब न्याय की मांग की जा रही है वहीँ पाबौ ब्लॉक से आरोप लगाने वाले दो क्षेत्र पंचायत सदस्यों को चुनाव सम्पन्न होने के बाद अब कहीं इस क्षेत्र के अन्य 13 क्षेत्र पंचायत सदस्यों का साथ मिला है, ऐसे में रीइलेक्शन की मांग उठ रही हैं ।इन सभी क्षेत्र पंचायत सदस्य ने अब अपर जिलाअधिकारी से मुलाकात की है, अपर जिलाधिकारी पौड़ी को ज्ञापन देते हुए शपथ ग्रहण समारोह का पुरजोर विरोध करने की बात भी कही है उनकी मांग है कि जांच कमेटी की जांच आख्या आने तक सपथ ग्रहण उनके ब्लॉक में न होने दी जाए वहीँ इस मामले पर अपर जिलाधिकारी पौड़ी का कहना है कि कुछ प्रकरणो में जांच कमेटी बैठा दी गई है साथ ही संबंधित शिकायत से जिलाधिकारी पौड़ी को भी अवगत करा दिया जाएगा, वो जो भी निर्णय लेंगे वह सर्वमान्य होगा।