नगर निगम मुश्किल में

दून के नगर निगम का क्षेत्र फल और आबादी पहले से कहीं अधिक बढ़ गई है, लेकिन सुविधाओं और संसाधन की यदि बात करें तो यह वहीं की वहीं है।वार्ड बढ़ने की सबसे बड़ी मार पड़ी है तो सफाई कर्मचारियों के उपर। मानकों की बात करें तो हर वार्ड में कम से कम 20 सफाई कर्मचारी होने चाहिये, लेकिन अभी मात्र 1575 ही कर्मचारी हैं। इसमे 754 स्थाई, 620 स्वच्छता समिति के, 120 नाला गैंग और 75 रात्रि गैंग कर्मचारी हैं।सौ वार्डों के हिसाब से कर्मचारियों की संख्या बहुत कम है जिस कारण लगभग सभी वार्डों में सफाई व्यवस्था भी चरमरा गयी है।
-नगर निगम के कर्मचारियों का कहना है कि जिस हिसाब से वार्ड बढ़ाये गए है उस हिसाब से कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई जिसके चलते वर्तमान में कार्यरत्त कर्मचारियों की मुश्किलें बढ़ गयी है साथ ही जो पार्षद निगम में चुनकर आये है वे भी कर्मचारियों को लेकर दबाव बना रहे है। कर्मचारी नेताओं का कहना है कि यदि जल्द ही कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ाई गयी तो आने वाले समय में समस्या और भी अधिक गंभीर हो जाएगी।
-वही इस पर मेयर सफाई दे रहे है कि नगर निगम का क्षेत्रफल पहले कम था लेकिन अब 72 गाँव शामिल होने के बाद इसका क्षेत्रफल तीन गुना बढ़ गया है लेकिन कर्मचारियों की संख्या नहीं बढ़ पायी है बावजूद इसके निगम सिमित संसाधनों के साथ कार्य कर रहा है चूँकि वर्तमान में आचार संहिता लगी हुई है जिसके चलते कर्मचारी नहीं बढ़ पा रहे है किन्तु अब लगभग 600 कर्मचारियों को आउटसोर्स के तहत रखे जाने के लिए चुनाव आयोग से इजाजत मांगी गयी है।मेयर का ये भी कहना है कि निगम में जो गाँव शामिल किये गए है उन्हें काफी सुविधाएँ दी भी जा रही है।