देश को मिले 382 युवा अफसर

भारतीय सैन्य अकादमी आईएमए में पासिंग आउट परेड के बाद 382 युवा अफसर देश की सेना का अभिन्न अंग बन गए। पीओपी के बाद 9 मित्र देशों की सेना को भी 77 सैन्य अफसर मिल गए हैं। इस बार 459 कैडेट पासआउट हुए। दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन ने रिव्यूइंग अफसर के रूप में परेड की सलामी ली।कदम-कदम बढ़ाए जाए खुशी के गीत गाए जा, ये जिंदगी है कौम की तू कौम पे लुटाए जा।
इसी आत्मविश्वास से लबरेज 459 जेंटलमैन कैडेट ड्रिल स्क्वायर पर पहुंचेए तो लगा कि विशाल सागर उमड़ आया है। एक साथ उठते कदम और गर्व से तने सीने दर्शक दीर्घा में बैठे हरेक शख्स के भीतर ऊर्जा का संचार कर रहे थे। शनिवार को भारतीय सैन्य अकादमी में अंतिम पग भरते ही 382 नौजवान भारतीय सेना का हिस्सा बन गए। इसके साथ ही 77 विदेशी कैडेट भी पास आउट हुए। दक्षिण पश्चिम कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल चेरिश मैथसन ने परेड की सलामी ली। सुबह 6 बजकर 40 मिनट पर मार्कर्स कॉल के साथ परेड का आगाज हुआ। एडवांस कॉल के साथ ही छाती ताने देश के भावी कर्णधार असीम हिम्मत और हौसले के साथ कदम बढ़ाते परेड के लिए पहुंचे। इसके बाद परेड कमांडर ने ड्रिल स्क्वायर पर जगह ली। कैडेट्स ने शानदार मार्चपास्ट से दर्शक दीर्घा में बैठे हर शख्स को मंत्रमुग्ध कर दिया। इधरए युवा सैन्य अधिकारी अंतिम पग भर रहे थेए तो आसमान से हेलीकाप्टरों के जरिये उन पर पुष्प वर्षा हो रही थी।परेड की सलामी लेने के बाद साउथ वेस्टर्न कमांड के जीओसी इन चीफ चेरिश मैथसन ने कैडेट्स को ओवरऑल बेस्ट परफॉरमेंस व अन्य उत्कृष्ट सम्मान से नवाजा। इस दौरान आइएमए के कमान्डेंट आजनरल एसके झाए डिप्टी कमान्डेंट मेजर जनरल जीएस रावत समेत कई सेवारत व सेवानिवृत्त सैन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
आईए आपको बतातें कि किस राज्य से कितने सैन्य जाबांज सैन्य अधिकारी पास आउट हुए हैं।
1.पहले पायदान पर उत्तरप्रदेश 72 कैडेट हुए पासआउट
2.दूसरे पायदान पर बिहार के 46 कैडेट हुए पास आउट
3.तीसरे पायदान पर हरियाणा के 40 कैडेट हुए पास आउट
4.उत्तराखंड के 33 कैडेट हुए पासआउट
5.पंजाब के 33 कैडेट हुए पासआउट
6.महाराष्ट्र के 28 कैडेट हुए पासआउट
7.मध्यप्रदेश के 11 कैडेट हुए पासआउट
इसके साथ ही आईएमए के इतिहास में 61536 अफसर देने का रिकॉर्ड भी जुड़ गया है। इसमे 2259 विदेशी जेंटलमैन कैडेट भी शामिल हैं 2 साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद आज युवा भारतीय सेना में अफसर बनते है। अपनी इस कड़ी मेहनत और देश के प्रति जज्बे को इन जेंटलमैन कैडेट के चेहरों पर साफ़ झलकता दिखाई देता है।