देवभूमि का दबंग DM , कई युवाओ के प्रेणना व आदर्श

 कुछ किस्से, कुछ बातें और कुछ लोग अक्सर हमारी जिंदगी के लिए प्रेरणा बन जाते हैं। उत्तराखंड क कुछ लोग आज दश के युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत बन रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं दीपक रावत। गोरा रंग, चेहरे पर एक बड़ा सा काला तिल, संगीत के शौकीन, छरहरे शरीर वाले, बेहतरीन क्रिकटर और एक दिल जीतने वाले शख्स। जितन शांत ये दिखते हैं, उतने ही ज्यादा आक्रामक उन लोगों के लिए जो समाज में घुन की तरह घुल रहे हैं।


 41 साल के दीपक रावत मसूरी के रहने वाले हैं उनकी पत्नी विजेता सिंह पेशे से वकील हैं। फिलॉसफी में डीएम दीपक रावत को बेहद रुचि है। उनके दो बच्चे हैं..बेटी का नाम दिरीशा है और बेटे का नाम दिव्यांश है। पुराने क्लासिक गीतों, गढ़वाली और कुमाउंनी गीतों के शौकीन दीपक रावत की जिंदगी की कुछ ऐसी तस्वीरें भी हम आपको दिखा रहा हैं...जो साबित करती हैं कि वो बेहतरीन डीएम होने के साथ साथ एक जिम्मेदार पिता भी हैं। 


पहले हल्द्वानी में बतौर एसडीएम तैनात थे। उसके बाद वो बागेश्वर में डीएम बने। कुमाऊं मंडल विकास निगम के भी एमडी भी रहे।इन सबके बीच जब उनकी पोस्टिंग नैनीताल में हुई थी। आज दीपक रावत हरिद्वार में तैनात हैं।

हरिद्वार में बेईमानों के लिए आफत बने इस डीएम ने कार्यप्रणाली में सुधार की ओर बड़ा कदम उठाया है। अस्पताल, स्कूल, कॉलेज, सरकारी ऑफिस कहीं भी बेधड़क जाना, बिना डरे कार्रवाई करना, गलत को गलत की तरह और सही को सही की तरह लेने वाले दीपक रावत का अंदाज हरिद्वार क लोगों को काफी पसंद आ रहा है।


एक आंकड़ा कहता है कि देश में गूगल पर सबसे ज्यादा सर्च किए जाने वाले जिलाधिकारी दीपक रावत रह चुके हैं। डीएम दीपक रावत कहते हैं कि वो अपने काम को बेहद पसंद करते हैं। उन्हें उनका काम बिल्कुल भी मुश्किल नहीं लगता।

SSP खंडूरी और DM रावत..दो पक्के दोस्त 

दीपक रावत को ट्रैकिंग, बर्ड फोटोग्राफी के शौकीन इस अधिकारी को आप कई बार गली, नुक्कड़ में क्रिकेट , फुटवाल खेलते भी देख सकते हैं। यानी शांत है तो मित्र और गुस्सा है तो इस डीएम से बड़ा दुश्मन आपका कोई नहीं हो सकता।


बिटिया के साथ फुर्सत के पल

हालांकि, उनका गुस्सा अक्सर तभी देखा जाता है जब वो सिस्टम में गड़बड़ी देखते हैं। देश के सबसे तेजतर्रार अधिकारियों में गिने जाने वाले इस जिलाधिकारी को युवाओं ने अपना आदर्श बना लिया है।