दून में धीरे-धीरे बंद हो जाएंगे पेट्रोल-डीजल आटो विक्रम ये रहेगी नई व्यवस्था

देहरादून जो शहर कभी स्वच्छ आबोहवा के लिए जाना जाता था, उसकी गिनती आज देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों में होने लगी है। शहरीकरण की अंधी दौड़ के साथ वायुप्रदूषण के मामले में दून देश के सर्वाधिक प्रदूषित शहरों की जमात में शामिल हो गया है। दून के संभागीय परिवहन कार्यालय में हर साल 54 हजार नए वाहन पंजीकृत हो रहे हैं, वह यह भी जानने की कोशिश नहीं कर पाया कि यहां कितने वाहन मानक से अधिक धुँआ छोड़ रहे हैं। प्रदूषण का एक कारण शहर में घटती हरियाली भी है।

देहरादून को स्मार्ट सिटी बनाने के तहत शहर का प्रदूषण कम करने को लेकर सरकार ने अब यहां एलपीजी और सीएनजी आटो-विक्रम को संचालित करने की मंजूरी दे दी है। फरवरी 2018 में संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में फैसला लिया गया था कि दून शहर से डीजल-पेट्रोल आटो व विक्रमों को बाहर किया जाएगा। प्राधिकरण ने इलैक्ट्रिक बैटरी चालित आटो चलाने की मंजूरी दी थी। लेकिन इसमें तकनीकी अड़चन वाहनों के पिकअप को लेकर रही ।जिसके बाद फैसले को संशोधित कर यहां सीएनजी व एलपीजी आटो- विक्रम चलाने का प्रस्ताव शासन को भेजा गया, जिसे अब लगभग सवा साल बाद शासन की मंजूरी मिल गई है। अब विभाग ने शहर में सीएनजी- एलपीजी आटो-विक्रम चलाने की तैयारी कर रहा है, तय हुआ कि कि डीजल व पेट्रोल आटो-विक्रम को धीरे-धीरे सीएनजी -एलपीजी में तब्दील कर दिया जाएगा। नए परमिट सिर्फ इन्हीं वाहनों को मिलेंगे। परमिट नवीनीकरण उसी शर्त पर होगा, जब आटो विक्रम सीएनजी-एलपीजी में संचालित होंगे। हालांकि अभी दून में सीएनजी पंप नहीं है, लेकिन सरकार प्रयास कर रही है कि इस साल के अंत तक यहां सीएनजी पंप की उपलब्धता हो जाए।