दिल्ली के एक अस्पताल की जांच में कोरोना पॉजिटिव पाए गए दून के व्यक्ति के मामले में होगी जांच

उत्तराखंड में कोरोना मरीजो की वास्तविक स्थिति को लेकर अब भी स्पष्ट नही है कि राज्य में कोरोना मरीज 61 है या 62 । दरअसल दिल्ली के ओपलो अस्पताल की एक जांच रिपोर्ट में देहरादून के एक व्यक्ति में कोरोना कोविड 19 की पुष्टि की गई थी ये व्यक्ति 28 अप्रैल को इलाज के लिए दिल्ली गए थे जहां उनका पैंक्रिएटिक केंसर का उपचार पहले से ही चल रहा था, 29 अप्रैल को उनकी जांच में कोरोना वायरस का संक्रमण पाया गया,और उसी दिन वो देहरादून वापस भी आ गए, अब इस कोरोना पॉजिटिव मरीज की गिनती न तो उत्तराखंड में हो रही है ना ही दिल्ली की उस निजी अस्पताल में जहा उनका इलाज चल रहा था,इसके लिए देहरादून जिलाधिकारी आशीष श्रीवास्तव ने जांच बैठा दी है,जांच के लिए सीएमओ को कहा गया है ।


जिलाधिकारी ने कहा कि मरीज के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर संबंधित अस्पताल को किन नियमो का पालन करना होता है उसकी रिपोर्ट यहां के सीमाओं से मांगी गई है,साथ ही लिखित रूप में ये भी स्पष्ठ करने को कहा है कि इस मामले में दिल्ली के निजी अस्पताल ने किन नियमो की अनदेखी की क्योंकि अस्पताल या  प्रशासन को केस पॉजिटिव आने के बाद भी मरीज को डिस्चार्ज करने की जानकारी नही दी गयी ,अगर रिपोर्ट में अस्पताल की कमियां पाई गई तो नोटिस जारी कर जवाब मांगा जाएगा,जिलाधिकारी ने इस मामले की जानकारी उत्तराखंड सरकार को भी दे दी है ताकि राज्य स्तर पर भी कार्यवाही की जा सके।


चमन विहार के बुजुर्ग में हुई कोरोना वायरस की पुष्टि का ठीक से पता लगाना कि उन्हें कोरोना वायरस वास्तव में कहा और कब हुआ ये स्वास्थ्य विभाग के लिए एक गुत्थी बन गया है जिसे सुलझाने में दिल्ली तक जांच बैठाई जा रही है,साथ ही बुजुर्ग के सम्पर्क की हिस्ट्री भी खंगाली जा रही है,सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ये बुजुर्ग 24 से 25 अप्रैल के बीच मे पटेल नगर स्थित महंत इंद्रेश अस्पताल भी गए थे इसके बाद 28 अप्रैल को उन्हें दिल्ली ओपलो अस्पताल ले जाया गया जहाँ कोरोना कोविड 19 की पुष्टि होने के बाद वापस देहरादून लाया गया।उत्तराखंड में ये कोरोना पॉजिटिव का एक इकलौता मामला है जो देहरादून में होते हुए भी राज्य के कोरोना संक्रमित मरीजो की गिनती में नही रखा गया है।