तराई पश्चिम वन विभाग की पतरामपुर रेंज में मिला चार महीने के नर गुलदार का शव, गुलदार के शव मिलने से विभाग में मचा हड़कंप ।

रामनगर - तराई पश्चिम वन विभाग में उस समय हड़कंप मच गया जब रेंज पतरामपुर के कक्ष संख्या 37 में मोहननगर की सिंचाई विभाग की नहर में लगभग 4 महीने के गुलदार के नर शावक को वन विभाग कर्मचारियों ने मृत पड़ा देखा । वही इसकी सूचना उच्चाधिकारियों को दी गई, सूचना मिलते ही मोके पर पहुँचे एस डी ओ कुंदन सिंह खाती, रेंजर महेश शर्मा, वन दरोगा मुंशीराम प्रज्जपति विभाग की टीम के साथ घटना स्थल पर पहुँचे और मौका मुआयना करने के बाद गुलदार के शावक के शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया । रेंजर महेश शर्मा ने बताया की गुलदार के मृत पड़े शावक के आसपास बाघ के पैरों के निशान लगे हैं प्रथम दृष्टि से प्रतीत होता हैं कि बाघ द्वारा गुलदार के शावक को मारा गया है । मोहननगर में टाइगर की लगातार मूमेंट से ग्रामीणों में भय का माहौल बना हुआ है, मादा गुलदार अगर अपने शावक की तलाश में मोहननगर में दस्तक देती हैं और उसका सामना बाघ से होता हैं तो संघर्ष होना लाजमी हैं । जो कि ग्रामीणों के लिए भी बहुत ही घातक साबित हो सकता है । जंगली जानवरों का मोहननगर की ओर दस्तक देने का एक मुख्य कारण बारिस का ना होना भी हो सकता है । बारिस ना होने के कारण गर्मी अत्यधिक पढ़ रही हैं वन विभाग द्वारा जानवरो के लिए पानी पीने की उचित व्यवस्था ना होने के कारण जानवर अपनी प्यास बुझाने के लिए मोहननगर की सिंचाई विभाग की नहर की ओर रुख कर रहे हैं । वही नहर में भी पानी पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध नही हैं जहाँ गढ्ढो में थोड़ा पानी हैं जानवरो का जमावड़ा वही हैं और ये ही कारण हैं जानवरो में संघर्ष हो रहा हैं । जो कि ग्रामीणों के लिए बहुत ही घातक साबित होगा। लगभग आठ महीने पहले वीरेंदर सिंह पुत्र करतार सिंह निवासी मोहननगर को भी वाघ अपना निवाला बना चुका है, लगभग 10 दिन पहले भी तुमड़िया डाम सेकेण्ड के सुरजीत सिंह पर भी वाघ जानलेवा हमला कर चुका है। सुरजीत सिंह को वाघ ने गम्भीर रूप से घायल तो किया गनीमत रही कि जान बच गई। दो महीने पहले भी एक गुलदार के शावक का शव पतरामपुर के कक्ष संख्या 38 में मिला था जिसकी म्रत्यु के कारणों का पता नही चल पाया था। अकाल मृत्यु चाहे गुलदार के शावको की हो या ग्रामीणों की दोनों ही चिंता का विषय हैं। अगर वन विभाग ने जल्द ही सटीक रणनीति के तहद कोई कारगर निर्णय नही लिया तो तुमड़िया डाम सेकेंड या मोहननगर में कोई भी बड़ी घटना घटित हो सकती हैं