ठेंगे का कमाल

सेना से लेकर पुलिस और अन्य सुरक्षा एजेंसियां डॉग स्क्वायड को शामिल करती है इसमें विदेशी नस्ल के कुत्तों को भी शामिल किया जाता है लेकिन उत्तराखंड पुलिस ने इस मामले में मिथक और परंपराओं को तोड़ते हुए एक स्ट्रीट डॉग स्निफर को डॉग स्क्वायड में शामिल किया और उसे प्रशिक्षित किया। गलियों में घूमने वाला आवारा डॉगी, आज पुलिस के श्वान दल की शान बना हुआ है। जी हां, देश में पहली बार यह प्रयोग किया है उत्तराखंड पुलिस ने। सड़कों पर आवारा घूमने वाले डॉगी को पुलिस की ट्रेनिंग दी तो वह नामी नस्लों के लाखों रुपये के दाम वाले डॉगी से कहीं आगे निकला। अब यह डॉगी उत्तराखंड पुलिस का सबसे फुर्तीला स्निफर डॉग है।उत्तराखंड पुलिस ने इसकी सूंघने की खूबी को अपनी ताकत बनाया और अपनी डॉग स्क्वाड का हिस्सा बना लिया।विदेशी और विलायती डॉगी को ही पुलिस में परंपरागत भर्ती के स्थापित नार्म्स को तोड़ता है।देश में पहली बार उत्तराखंड पुलिस ने गली के स्ट्रीट डॉग को श्वान दल में शामिल करने का प्रयोग किया है।इस कुत्ते को ठेंगा नाम दिया गया है, नौ नवंबर को राज्य स्थापना दिवस की पुलिस रैतिक परेड़ में इसे शामिल किए जाने के बाद से ठेंगा देशभऱ में छाया हुआ है इसे देखने के लिए देश के दूसरे राज्यों की पुलिस भी उत्तरांखड आने वाली हैं।
आमतौर पर सभी स्निफर डॉग की ट्रेनिंग आईटीबीपी ट्रेनिंग सेंटर में होती है। लेकिन ठेंगा की ट्रेनिंग देहरादून में ही हुई है।नौ नवंबर को पुलिस लाइन में हुई स्थापना दिवस परेड में ठेंगा अपनी काबलियत प्रदर्शित कर चुका है।आग के गोलों से निकलने के साथ अल्प प्रशिक्षण में साक्ष्य को सूंघकर अपराधियों तक पहुंचने के कौशल को देखकर श्वान विशेषज्ञ भी दंग है। परेड के दौरान ठेंगा ने अपराधी के छूटे हुए साक्ष्य को सूंघकर अपनी विशेष क्षमता के बल पर छुपे अपराधी को खोज निकाला।  

अब तक बेल्जियम, जर्मन शैफर्ड, लैबरा, गोल्डन रिटीवर आदि विदेशी नस्ल के कुत्ते ही पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों के श्वान दल का हिस्सा होते थे,जिन्हें 30 से लेकर 70 हजार रुपये में खरीदा जाता था। इनकी ट्रेनिंग में काफी खर्च आता है।अमूमन आम घराें में भी गली के बजाय विदेशी नस्ल के कुत्ताें को ड्राइंग रूम का हिस्सा बनाया जाता है।आईजी संजय गुंज्याल ने इस मिथक को तोड़कर एक गली से दो माह के कुत्ते को उठाकर श्वान दल को सौंपा था। करीब छह माह के प्रशिक्षण के बाद ठेंगा विदेशी नस्ल के कुत्तों को मात दे रहा है।बीते शुक्रवार को दिल्ली में दिल्ली,बिहार,उत्तराखंड,आसाम आदि राज्यों के पुलिस महानिदेशकों की बैठक में ठेंगा का सफल प्रयोग सुर्खियों में रहा। उत्तराखंड के प्रतिनिधि के तौर पर बैठक में शामिल आईजी संजय गुंज्याल ने बताया कि इस नए प्रयोग को लेकर बैठक में चर्चा हुई।कई राज्यों के प्रतिनिधि जल्द देहरादून आकर इस सफल प्रयोग का अवलोकन करेंगे।