झोलाछाप डॉक्टर कर रहे हैं जीवन से खिलवाड़

सूबे में जीरो टोलरेंस का दम भरने वाली राज्य सरकार जहां आम जनता को उच्च स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने का दावा कर रही है तो वहीं जिला मुख्यालय पर झोलाछाप डॉक्टर इलाज के नाम पर गरीब व भोली भाली जनता के स्वास्थ्य के साथ जमकर खिलवाड़ कर रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक खासतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में कुछ साल की कंपोडरी करने के बाद झोलाछाप चिकित्सकों के क्लीनिक कुकुरमुत्तों की तरह जिले भर में बहुत तेजी से उग आये हैं।
जिला मुख्यालय से सटे फुलसुंगी क्षेत्र में एक चिकित्सक ने तो बाकायदा अपने चिकित्सालय का रजिस्ट्रेशन भी करवा लिया है। बताया जाता है कि उक्त चिकित्सक कुछ साल पूर्व खेड़ा स्थित एक अन्य डॉक्टर के क्लीनिक में बतौर असिस्टेंट काम करता था लेकिन अब उसने खुद का ही निजी चिकित्सालय खोल लिया है।बताया जाता है कि उक्त तथाकथित चिकित्सक ने किसी तरह जुगाड़ कर आयुर्वेदिक उपचार की डिग्री हासिल कर ली और आयुर्वेदिक इलाज के लिए स्वास्थ विभाग से पंजीकरण भी करवा लिया है।
हमारी के जानकारी के मुताबिक बीएएमएस की डिग्री हासिल करने वाले आयुर्वेदाचार्य के नाम से आयुर्वेदिक उपचार ही करने के लिए मान्य है लेकिन उक्त चिकित्सक के क्लीनिक में न केवल खुलेआम एलोपैथिक विधि से मरीजों का इलाज किया जाता है बल्कि उसके क्लीनिक में ऑपरेशन जैसी जटिल गतिविधियों को भी अंजाम दिया जा रहा है।बताया जाता है कि उक्त तथाकथित चिकित्सक को कुछ सत्ताधारी छुटभैयों नेताओ का भी संरक्षण मिला हुआ है जिस कारण उक्त तथाकथित चिकित्सक के खिलाफ स्वास्थ्य महकमे के आला अधिकारी कार्रवाई से बच रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक उक्त चिकित्सक 10 वीं पास भी नहीं है तो ऐसे में उसकी बीएएमएस की डिग्री भी सवालों के घेरे में है।