जान लीजिए कि किस देश मे क्या सजा मिलती है बलात्कारियों को

हैदराबाद में हुए गैंगरेप और निर्दयता के साथ महिला डॉक्टर को जला कर मार देने की घटना से एक बार फिर देश का खून खौल रहा है,दो चार दिन बाद ये खून का उबाल ठंडा भी हो जाएगा और निर्भया, कठुआ इत्यादि जैसे गैंगरेप के बाद मारने की घटनाओं को भुला दिया जाएगा।
उधर दूसरी तरफ सत्ता में किसको कुर्सी मिले इसके लिए आपस मे लड़ मर रहे हैं, महा गठबंधन हो रहा है किसी को इतनी फुरसत कहाँ कि कोई ये भी सोचे कि महिला डॉक्टर के साथ आखिर क्यों बलात्कार हुआ और ऐसे कैसे उसे ज़िंदा जला कर मार दिया गया,कुर्सी के लालच में कोई ये भी नही सोचता कि" अब तो हद हो गयी, चलो कुर्सी में बाद में बैठेंगे पहले सब मिलकर बलात्कारियों के खिलाफ कोई ठोस कदम उठाए और एक ऐसा कानून लाये जिससे बलात्कार करने वालों की रूह तक कांप जाएं"।लेकिन ऐसा अगर इन सत्ता धारियों ने सोचना शुरू कर दिया तो देश की काया नही पलट जाएगी?
पिछले कुछ दिनों से मीडिया में बेटियों को कोख में ही मार देने पर ज़ोर दिया जा रहा है,इस पर ज़ोर देने वालो में ज़्यादातर खुद लड़कियां ही हैं, क्योंकि उनका मानना है लड़की पैदा भी हो गयी और उसे पढ़ा लिखा कर डॉक्टर बना भी दिया तो भी तो वो वहशी दरिन्दों के हाथों नोच ही दी जायेगी क्योंकि कानून के हाथ बंधे हुए हैं और कानून की आंखों में पट्टी भी बंधी हुई है।
दुनिया मे कई देश ऐसे है जहां बलात्कार के दोषियों को दर्दनाक मौत दी जाती है या उन्हें ज़िन्दगी भर के लिए लाचार कर छोड़ दिया जाता है।ऐसी व्यवस्था या ऐसा कानून भारत मे कब बनेगा पता नही ,लेकिन फ़िलहाल आप तो जान लीजिए किस देश मे बलात्कारियों के लिए क्या क़ानून बने हुए हैं।
सउदी अरब- सऊदी अरब में शरिया कानून चलता है जिसके अनुसार 24 घण्टों के अंदर बलात्कारी को या तो सरेआम फांसी पर लटका दिया जाता है या उसके गुप्तांग काट कर जीवन भर के लिए अपंग बना दिया जाता है।
यूएई- यूएई में सात दिनों के अंदर अंदर बलात्कार के अपराधी को सीधे मौत की सजा दी जाती है।
इराक- इराक में अगर कोई बलात्कार के जुर्म में पकड़ा जाता है तो उसे तब तक पत्थरों से मारा जाता है जब तक उसकी जान न चली जाए।
इंडोनेशिया- इंडोनेशिया में बलात्कारियों को सीधे नपुंसक ही बना दिया जाता है साथ ही उनके शरीर मे महिलाओं के हार्मोन्स भी डाल दिये जाते हैं।
चीन- चीन में मेडिकल जांच के बाद कैपिटल पनिशमेंट दी जाती है जिसके तहत बलात्कारी को मौत के घाट उतार दिया जाता है इतना ही नही उसका साथ देने वालो को भी सजा दी जाती है।
अमेरिका- हिंसात्मक रेप के मामले में अमेरिका के अधिकतर हिस्सों में उम्रकैद की सजा दी जाती है। मगर कैलिफोर्निया, फ्लोरिडा, जॉर्जिया, लोवा, लुसियाना, मोनटाना, ओरेगॉन, टैक्सास और विस्कॉन्सिन जैसे अमेरिकी राज्यों में रेप के दोषी को केमिकल और सर्जिकल तरीके से नपुंसक बनाने का विकल्प भी है।
ग्रेट ब्रिटेन- यूके में रेप की अधिकतर सजा उम्रकैद है।
रूस- हिंसा के दम पर जबरदस्ती रेप करने पर यहां 4 से 10 साल तक की सजा दी जाती है।
फ्रांस- यहां रेप की अधिकतम सजा 20 साल की जेल है।
आस्ट्रेलिया- यहां रेप की सजा सात साल है। हालांकि कुछ मामलों में देखा गया है कि दोषी की सजा को निलंबित कर दिया गया।
चेक गणराज्य - जो दोषी उम्रकैद जैसी मुश्किल सजा से बचना चाहते हैं, उन्हें नपुंसक बनाकर जेल से बाहर जाने का विकल्प भी दिया जाता है।
दक्षिण कोरिया- यहां रेप की सजा अधिकतम 15 साल है। हालांकि यहां पर रेपिस्ट को नपुंसक बनाए जाने का विधेयक भी लंबित है।
भारत- आईपीसी की धारा 376 के तहत यदि किसी दोषी के खिलाफ अपराध सिद्ध हो जाता है तो उसे कम से कम पांच साल की सजा और 10 साल तक की कड़ी सजा दिए जाने का प्रावधान है। आईपीसी की धारा 375
यदि कोई व्यक्ति किसी महिला की इच्छा के खिलाफ उसे डरा धमकाकर या किसी दिमागी रुप से कमजोर महिला को शराब या अन्य कोई नशिला पदार्थ देकर बलात्कार करता है तो वो आईपीसी की इस धारा के अंतर्गत आता है। इस धारा में यो भी प्रावधान है कि यदि कोई महिला 16 वर्ष से कम आप की हो तो उसकी सहमति के बिना होने वाले संभोग को भी बलात्कार की श्रेणी में ही आता है। इतना ही नहीं यदि कोई पुरुष अपनी 15 साल से कम उम्र की पत्नी के साथ संबंध बनाता है तो वो भी बलात्कार ही माना जाता है। धारा 375 के तहत अलग अलग हालात और श्रेणी के हासिब से धारा 375, 376, 376क, 376ख, 376ग, 376घ के रुप में विभाजित किया गया है।
भारत मे अलग अलग परिस्थितियों के हिसाब से धाराएं लगाए जाने का प्रावधान है शायद इसीलिए पीड़ितों को न्याय नही मिल पाता क्योंकि सालो साल परिस्थिति को समझने में लग जाते है कि आखिर दोषी ने क्यों बलात्कार किया और कौनसी धारा के तहत दोषी को सजा होनी चाहिए ,दूसरा देश मे राजनीति के चलते बलात्कारी को बचाने कई नेतागण भी पहुंच जाते हैं जिससे मामला सुलझने की जगह और बिगड़ जाता है।