चुनावी दंगल में नही था राजनीति पार्टियों के पास कोई विकास और जनसरोकार का मुद्दा

 भारत के लोकतांत्रिक देश है जहाँ आमलोगों अपने मत का प्रयोग कर देश मे सरकार चुनते है । हर साल में सरकारें बनती है और बिगड़ती है इस वक्त देश मे लोकसभा चुनाव का महा दंगल है । चुनावी दंगल लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक पार्टियां मैदान में तो कूदी लेकिन इस बार किसी भी पार्टी के जनप्रतिनिधियों के पास एक दूसरे पर तंज कसने के सिवाय दूसरा कोई मुद्दा ही नहीं था । कांग्रेस ने देश के प्रधानमंत्री के कार्यकाल को लेकर सवालिया निशान लगते हुए उन्हें चौकीदार चोर है तो भाजपा ने इसके बचाब में मैं भी चौकी दार पर देश की राजनीति को शर्मसार करने का काम किया ।


उत्तखण्ड सूबे में प्रथम चरण में चुनाव हुए । यदि बात सूबे में भाजपा प्रत्याशी अजय भट्ट की जाए तो वह भी जनता के बीच एयर स्ट्राइक का मुद्दा लेकर निकले थे ।जिन मुद्दों पर वह जनता से वोट मांगते नजर आए, वहीं दूसरी ओर कांग्रेस प्रत्याशी हरीश रावत की बात की जाए तो वह भी किसी से कम नहीं है, वह भी केंद्र सरकार पर वादाखिलाफी और देश की जनता को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए वोट मांगते नजर आए, लेकिन शर्म की बात यह है कि कोई भी जनप्रतिनिधि जनता से विकास के मुद्दों पर बात करता नजर नहीं आया, लेकिन अब देखना यह दिलचस्प होगा कि जनता दोनों प्रत्याशियों में से किसके सिर जीत का ताज सजाएगी। अबकी बार किसकी सरकार.? किसके मुद्दे पास और किसके मुद्दे फेल ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा ।