चार धाम को लेकर देवस्थानम बोर्ड गठन मामले में याचिकाकर्ता 22 जून तक प्रति शपथ पत्र दाखिल करें-हाई कोर्ट

नैनीताल हाइकोर्ट ने बीजेपी के राज्य सभा सांसद व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता सुब्रहमण्यम स्वामी द्वारा उत्तराखंड सरकार के चारधाम देवस्थानम बोर्ड के गठन को लेकर दायर  जनहित याचिका में  सुनवाई करते हुए याचिकर्ता से 22 जून तक प्रति शपथ पत्र पेश करने को कहा है । आज राज्य सरकार की तरफ से जवाब पेश किया गया। मामले की अगली सुनवाई के लिए हाई कोर्ट ने  22 जून की तिथि नियत की है । मामले की सुनवाई मुख्य न्यायधीश रमेश रंगनाथन व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई। 


आपको बता दें कि बीजेपी के राज्य सभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने जनहित याचिका दायर कर कहा है कि प्रदेश सरकार द्वारा चारधाम के मंदिरों के प्रबंधन को लेकर लाया गया देवस्थानम् बोर्ड अधिनियम असंवैधानिक है। याचिका में यह भी कहा गया है कि देवस्थानम् बोर्ड के माध्यम से सरकार द्वारा चारधाम व 51 अन्य मंदिरों का प्रबंधन लेना संविधान के अनुच्छेद 25 व 26 का उल्लंघन है। सरकार के इस फैसले के बाद प्रभावित धार्मिक स्थानों व मंदिरों के पुजारियों में भारी रोष पैदा हो गया था। 


सुब्रह्मण्यम स्वामी ने कहा कि पूर्व में कुछ राज्य तमिलनाडु,आंध्रप्रदेश , केरल व महाराष्ट ने भी इस तरह के निर्णय लिए थे। जिनके खिलाफ उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में याचिकाएं दायर की थी और उनको जीत मिली थी। उन्होंने यह भी कहा कि ऐसे मामलों में सुप्रीम कोर्ट के कई निर्णय पहले से ही हैं। उन्होंने उत्तराखंड सरकार के फैसले को भाजपा की नीतियों के भी खिलाफ बताया है। पूर्व में जिन राज्यो ने इस तरह के निर्णय लिए थे उन्होंने कभी मस्जिद गिरजाघर को शामिल क्यों नही करा ? केवल मन्दिरों को ही  क्यों शामिल किया गया इसमें सरकार का यह तर्क बिल्कुल असंवैधानिक है। डॉ स्वामी के अनुसार जनहित याचिका में यह भी कहा था कि जब तक इसमें कोर्ट से कोई निर्णय नही आ जाता सरकार कोई अग्रिम कार्यवाही न करे परन्तु सरकार ने उनकी जनहित याचिका दायर करने के कुछ ही समय बाद सीईओ नियुक्त दिया जिसमें स्पष्ट लग रहा है कि सरकार की मंशा अच्छी नही है ।