खटीमा शौचालय निर्माण का सच

सीमान्त क्षेत्र खटीमा में सरकारी शौचालयों के निर्माण में अनियमितता व भृस्टाचार का मामला सामने आया है। ग्रामीणों की शिकायत पर डीएम ने जहाँ पुरे मामले के जाँच के आदेश दिए है। वही बीडीओ की जाँच में भारी अनियमितता सामने आई है।

 

 

एक और जहाँ केंद्र सरकार पुरे देश को खुले में शौच से मुक्त करने के लिए शौचालय निर्माण कराने में करोडो रूपये खर्च कर रही है। वही दूसरी ओर शौचालय निर्माण में लगातार मिल रही भृस्टाचार की शिकायतें सरकार 

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के स्वच्छ भारत अभियान को पलीता लगा रही है। शौचालय निर्माण में अनियमितता व भृस्टाचार होने का एक ऐसा ही मामला सीमान्त क्षेत्र खटीमा के टेढ़ा घाट बरी अंजनिया ग्राम में उजागर हुआ है । जहाँ पर स्वच्छ भारत अभियान के तहत हुए शौचालय निर्माण में भृस्टाचार व अनियमितता की ग्रामीणों की शिकायत के बाद डीएम के आदेश पर बीडीओ खटीमा जाँच पर पहुँचे। बीडीओ द्वारा गांव में डोर डोर शौचालय निर्माण की जाँच की गई थी जिसमे भारी अनियमितता व भृस्टाचार का मामला सामने आया। स्वजल विभाग द्वारा जहाँ गांव के संपन घरों के पुराने बने शौचालय को दर्शा पैसा जारी कर दिया गया। वही जरूरत मंदो के घरों में शौचालय निर्माण के नाम पर पैसा वसूली का भी मामला बीडीओ की जाँच में सामने आया है। स्वच्छ भारत अभियान के तहत बने शौचालय निर्माण में भारी अनियमितता व भृस्टाचार पाये जाने की बात स्वयं जाँच अधिकारी कर रहे है।  साथ ही जाँच रिपोर्ट जिलाधिकारी को भेजने व दोषियों से सरकारी धन की वसूली का भी दावा कर रहे है।

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