क्या राम है दुनिया की सबसे महंगी करेंसी सोशल मीडिया में वायरल हो रहे इस दावे के सच जानें

स्वतंत्रता दिवस के आते आते सोशल मीडिया पर भारतीय संस्कृति या भगवानों को लेकर हर साल कई तरह के दावे वायरल होते है इस साल भी एक दावा तेज़ी से वायरल हो रहा कि दुनिया की सबसे मजबूत और महँगी करेंसी का नाम "राम" है,और दावे में ये भी कहा जा रहा है कि आज की तारीख में 1 "राम" करेंसी की कीमत 10 यूरो के बराबर है,और 1 यूरो फिलहाल 88.65 भारतीय रुपयों के बराबर है। इस दावे के मुताबिक़ एक "राम" करेंसी की कीमत 886.5 रुपए मानी जा रही है।मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान राम का नाम भारत की सभ्यता में रचा-बसा हुआ है। यहां अक्सर राम राज्य की बात भी होती है। भगवान राम और उनका जन्म स्थान अयोध्या यहां राजनीति का भी विषय है। यहां की अधिसंख्य जनता भगवान राम को अराध्य मानती है और उनके दिलों में भगवान राम निवास करते हैं। भारतीय मुद्रा यानी रुपयों पर अशोक स्तंभ और आजादी की लड़ाई के महानायक महात्मा गांधी को तो जगह मिली, लेकिन भगवान इस रेस में पीछे रह गए। भारत में भले ही भगवान राम को नोटों पर जगह न मिली हो, लेकिन वास्तव में दुनिया में एक देश ऐसा भी है जहां राम नाम की मुद्रा चलती है।आवाज़ 24x7 ने जब ये पड़ताल की तो पाया कि "राम"नाम की करेंसी सचमुच है जो आज भी चलती है और इसे हॉलैंड की डच सरकार ने मान्यता दी हुई है,हालांकि दुनिया की सबसे महंगी करेंसी होने का दावा नही किया जा सकता लेकिन आज भी राम करेंसी की कीमत 10 यूरो है
सोशल मीडिया पर भारत के सुप्रीम कोर्ट के वकील प्रशांत पटेल उमराव द्वारा किया गया ट्वीट भी खूब वायरल हो रहा है जिसमे उन्होंने लिखा है कि "महर्षि महेश योगी ने हॉलैंड में आज से लगभग बीस साल पहले “राम” नाम से करेंसी चलाई थी। साथ ही उन्होंने 1, 5 और 10 ‘राम’ का नोट भी शेयर किया, जिस पर भगवान राम की तस्वीर बनी हुई है और साथ हुई ‘विश्व शांति राष्ट्र’ अंकित किया हुआ है। इस पर ‘नीदरलैंड’ भी लिखा हुआ है।"
महर्षि महेश योगी
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक डच सेन्ट्रल बैंक ने भी स्पष्ट किया है कि महर्षि महेश योगी द्वारा जारी की गई ‘करेंसी’ राम उसके नियमों का उल्लंघन नहीं करती,साथ ही ये भी बताया गया था कि उस वक़्त हॉलैंड में 100 से अधिक दुकानें इसका लेनदेन करती थीं।इसे अक्टूबर 2001 में ‘द ग्लोबल कंट्री ऑफ वर्ल्ड पीस’ द्वारा लॉन्च किया गया था। कई शहरों और गाँवों में, यहाँ तक कि बड़े मॉल्स में भी इस करेंसी को स्वीकार किया जाता है। डच सेन्ट्रल बैंक ने कहा था कि ये सब कुछ नियमानुसार हो रहा है। महर्षि मूवमेंट के ‘वित्त मंत्री’ रहे बेंजमिल फेल्डमैन ने कहा था कि गरीबी से लड़ने में राम मददगार साबित हो सकता है और कृषि में इसके उपयोग को बढ़ावा मिलना चाहिए।राम को ‘वर्ल्ड पीस बॉन्ड’ के नाम से भी जाना जाता है। महर्षि मूवमेंट का कहना है कि इससे विश्व शांति को मजबूती मिलेगी, अर्थव्यवस्था में संतुलन बनेगा और साथ ही गरीबी से लड़ाई में ये कारगर सिद्ध होगा। यूरोप में इसकी कीमत 10 यूरो के बराबर होती है, वहीं अमेरिका में ये 10 डॉलर के बराबर हो जाता है।इसका सर्कुलेशन काफी तेजी से बढ़ा था,फ़िलहाल इसे आर्थिक विशेषज्ञ ‘बेयरर बॉन्ड’ या लोकल करेंसी कहते हैं। नीदरलैंड के 30 शहरों में इसका उपयोग किया जाता है। राम नाम की करेंसी के दावे को आवाज़24x7 सही ठहराता है लेकिन दुनिया की सबसे महंगी करेंसी होने के दावे को लेकर फ़िलहाल कुछ नही कहा जा सकता