क्या बदले हुए जीएसटी से अर्थव्यवस्था को मिलेगी डबल बूस्टिंग डोज़ ?

मित्रों कहते ही मोदी सरकार ने जुलाई 2017 देश मे जीएसटी लागू किया था,जिसका मतलब  होता है गुड्स एंड सर्विसेज टैक्स।  इस टैक्स के लागू होने पर सरकार द्वारा कहा गया था कि एक देश तो एक ही टैक्स होना चाहिए।जीएसटी को लेकर पूरे देश मे हाहाकार मच गया,कभी टैक्स में आते बदलाव को लेकर देश मे विवाद पैदा हुआ तो कभी इसको लागू ही क्यो किया इस पर विवाद होने लगे।बदलाव होने अच्छे हैं या बुरे ये थोड़े समय बाद पता चलता है,तब तक देश मे इन बदलावो को लेकर विवाद होते ही रहते हैं।कल जीएसटी कॉउन्सिल 37वी बैठक हुई थी,वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण मीडिया से रूबरू हुईं और उन्होने बैठक में हुए जीएसटी कॉउन्सिल के अहम फिसलो की जानकारी दी, टैक्स स्लैब में बदलाव होंगें ये तो निश्चित था पर वो बदलाव देश पर क्या असर करेंगे ये एक दो दिन में ही पता चल जाएगा।जो बदलाव जीएसटी को लेकर किये गए है उनमें कुछ चीज़ें तो सस्ती होंगी पर कुछ चीज़ों के लिए आपको ज़्यादा कीमतें अदा करनी पड़ सकती हैं यानी कुछ चीजे महंगी होने वाली है। 1 अक्टूबर से ये सारे बदलाव लागू किये जायेंगे।

क्या कुछ सस्ता होने जा रहा है वो आपको हम पहले बता देते हैं ताकि आपको महंगी हुई चीज़ों के लिए झटका न लगे।

जीएसटी में हुए नए बदलाव से भारतीय अर्थव्यवस्था की तो चांदी ही चांदी हो जाए बस यही मानकर नया जीएसटी  लागू किया जा रहा है,डीज़ल और पेट्रोल गाड़िया सस्ती हो जायँगी।अब तक इन गाड़ियों पर 28% जीएसटी के बाद ज़्यादा सेस लगाया जाता था लेकिन अब पेट्रोल गाड़ियों पर आपको सिर्फ 1% और डीज़ल गाड़ियों पर 3% ही सेस देना होगा।

बाहर अगर आपको केटरिंग में खाना खाना है तो अब आपको 18% की जगह 5% सर्विसेज चार्ज देना होगा।होटल में 1000 रुपये वाला किराए का कमरा लेने के लिए अब आपको जीएसटी नही देनी होगी,पर अगर कमरे का किराया 1001 -7500 रुपये है तो आपको इन कमरो के लिए 12%जीएसटी देनी होगी जो कि पहले 18% हुआ करती थी,और जो कमरे आपको 7500 से ज़्यादा के मिलते थे उन पर जीएसटी 28% से घट कर 18% हो गयी है। जीएसटी में हुए नए बदलाव को विशेषज्ञों की माने तो मिनी बजट कहा जा सकता है,जिससे निवेशकों की तो दीवाली से पहले ही दीवाली हो गयी है।कल जैसे ही नए जीएसटी में बदलाव किया गया वैसे ही भारतीय बाजार ने दिल खोलकर इसका स्वागत भी किया।सेंसेक्स में तो ऐतिहासिक 2285 अंको का उछाल आया गया,ये उछाल अब तक की सबसे बड़ी उछाल मानी जा रही है,क्योकि निवेशकों ने एक मात्र एक घंटे में ही 5 लाख करोड़ कामा लिए। शेयर बज़ार के निवेशकों के लिए ये बदलाव किसी लॉटरी से कम नही है क्योंकि सरचार्ज के हटते ही निवेशकों को शेयर या म्यूचअल फण्ड बेचने पर मुनाफा होगा।डोमेस्टिक कम्पनियो को स्वच्छ भारत, एजुकेशन सेस और सरचार्ज के साथ 25.17 % ही टैक्स देना होगा।अब कारोबारी भी नई कंपनी के लिए उत्साहित होंगे।रक्षा विभाग के जो समान भारत मे नही बनते उन पर भी अब जीएसटी नही लगाई जाएगी,बहुमूल्य पत्थरो की कटाई और उनकी पॉलिश पर 3% से घट कर 0.25% ही टैक्स लगा करेगा,डायमंड इंडस्ट्रीज के कारोबार पर पहले 5% टैक्स लगता था पर अब ये टैक्स घट कर 1.5 % हो गया है।इंजीनियरिंग इंडस्ट्रीज में होने वाला काम जिन मशीनो से होता है उन पर भी अब जीएसटी घटा कर 18% से 12% कर दी गयी है।इसके अलावा 2 करोड़ रुपये से कम सालाना टर्न ओवर वाले कारोबारियों को जीएसटी का रिटर्न नही भरना पड़ेगा।विदेशो में बेचे जाने वाले जेवरों पर भी जो टैक्स पहले लगता था वो खत्म कर दिया गया है।साथ ही कम्पनी कर घटने से भारत मे अब निवेश के मौके भी बढ़ेंगे।

बैंको से अब लोन लेना भी आसान हो जाएगा, वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने ये कहा है कि सरकारी बैंक अभी से 400 जिलों में लोन बाटने के लिए शामियाना बैठक का आयोजन करेंगे।

नए जीएसटी के लागू होते ही बहुत कुछ तो सस्ता हो गया है लेकिन कुछ चीज़ें महंगी भी हुई है जिनमे वो कैफीनयुक्त पेय पदार्थ जैसे चाय,कोल्डड्रिंक, कॉफ़ी,एनर्जी ड्रिंक्स,मुख्य है,इन सभी ड्रिंक्स पर अब तक 18% जीएसटी लगता था पर 1 अक्टूबर के बाद इन पर 12% सेस भी लगेगा।

जीएसटी में हुए ये बदलाव अर्थव्यवस्था के लिए क्या बूस्टर डोस साबित होगी या अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए सरकारी खजाने पर मुसीबत आएगी ये अभी कहा नही जा सकता,