कोरोना वायरस को लेकर सरकार की क्या है तैयारी, सुनिए मंत्री जी की जुबानी

शासकीय प्रवक्ता मदन
कौशिक ने आज मीडिया से वार्ता करते हुए कोविड-19 को लेकर प्रदेश के हालातों पर जानकारी दी। उन्होनें कहा कि प्रदेश में
कोविड-19 के एक्टीव केस 21
हैं।राज्य में कोविड-19
में रिकवरी रेट 68.66
प्रतिशत है।राज्य में लिए गए कुल सेम्पल
में से 0.76 प्रतिशत सेम्पल ही
पाॅजिटीव पाए गए हैं।कोराना संक्रमण शुरू होने के बाद प्रदेश में 4
टेस्टिंग लेब शुरू की गई है। मार्च में
हमारे यहां कोरोना संक्रमण की टेस्टिंग सुविधा नहीं थी।प्रदेश के 08
जनपदों एवं देहरादून के दून मेडिकल कॉलेज
में 73 आई०सी0यू0, 46 वेण्टीलेटर तथा 21
बाईपैप मशीनों की अतिरिक्त व्यवस्था की गई
है। वर्ष 2017 में राज्य में जहां
केवल 3 मेडिकल कालेजों में 62
आई०सी0यू0, 37 वेण्टीलेटर तथा 04
बाईपैप मशीनें ही थीं। जबकि वर्तमान में
कुल 251 आई0सी0यू0,
113 वेण्टीलेटर तथा 33
बाईपैप मशीनें स्थापित की जा चुकी
हैं।वर्ष 2017 में जहां प्रदेश में
मात्र 3 जनपदों में आई0सी0यू0 स्थापित थे वहीं अब
राज्य के 11 जनपदों में आई0सी0यू0 की स्थापना पूर्ण हो
चुकी है, शेष 02
जनपदों अल्मोड़ा तथा बागेश्वर में भी जल्द
ही आई0सी0यू0 का संचालन प्रारम्भ
हो जायेगा।प्रदेश में ई संजीवनी टेलीमेडिसीन सेवा प्रारंभ की गई है।हाल ही में 401
चिकित्सकों को नियुक्ति दी गई है। 467
पदों का अध्याचन भी चयन आयोग को भेजा जा
रहा है। आयोग से चयन प्रक्रिया को जल्द पूरा करने का अनुरोध किया जाएगा। इसके
अलावा कैबिनेट द्वारा 180 पदों को पुनर्जीवित
किया गया था। इन पदों पर जल्द भर्ती कराई जाएगी।प्रदेश के सभी राजकीय कार्मिकों
एवं पेंशनर्स को आयुष्मान भारत व अटल आयुष्मान उत्तराखण्ड योजना का लाभ देने का
शासनादेश जारी।
प्रवासियों की वापसी-
अन्य
राज्यों से 8 मई की रात तक 23,794 प्रवासियों को वापस लाया गया। आज शाम तक यह
संख्या 30 हजार हो
जाएगी।दूसरे राज्यों से उत्तराखण्ड आने के लिए 1,79,615 प्रवासियों ने पंजीकरण कराया
है।उत्तराखण्ड में फंस गए दूसरे राज्यों के 21717 हजार लोगों ने वापस अपने राज्य जाने के
लिए पंजीकरण कराया है, इनमें से 6378 को भेज दिया गया है अहमदाबाद, सूरत, पुणे के साथ ही केरल
से भी प्रवासी लोगों को लाने के लिए ट्रेन के बारे में रेल मंत्रालय और संबंधित
राज्य सरकारों से बात हुई है। व्यय भार उत्तराखण्ड सरकार द्वारा वहन किया जाएगा। राज्य
सरकार ने रेल मंत्रालय को 50 लाख रूपए एडवांस भी जमा करा दिया है।बाहर से आने
वाले लोगों की पूरी तरह से जांच की जा रही है।बाहर से आने वाले लोग होम क्वारेंटीन
का पूरा पालन करें, इसके लिए ग्राम प्रधानों को डिजास्टर मेनेजमेंट एक्ट में कुछ अधिकार
दिए गए हैं।मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना, जो प्रवासी उत्तराखण्ड लौट कर आ रहे हैं, राज्य सरकार को उनके
रोजगार की भी चिंता है। मुख्यमंत्री जी के निर्देश पर प्रधानमंत्री स्वरोजगार
योजना की तर्ज पर मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना को मंजूरी दी गई है। इसमें निर्माण
और सेवा क्षेत्र में अपना काम करने के लिए ऋण व अनुदान की व्यवस्था की गई है। इसी
प्रकार और भी अनेक योजनाओं पर विचार किया जा रहा है।
कोरोना से लङने के लिए
धनराशि निर्गत-
कोरोना वायरस से निपटने
के लिए एसडीआरएफ मद से 85 करोङ रूपए जारी किए गए हैं। इसमें हर जिले को 5-5 करोङ रूपए कोरोना वायरस
के संक्रमण से बचाव की तैयारियों के लिए जबकि 20 करोङ रूपए चिकित्सा शिक्षा
विभाग को कोरोना नोटिफाईड अस्पतालों के सुदृढ़ीकरण और आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था
के लिए दिए गए हैं।कोरोना वायरस की रोकथाम हेतु चिह्नित किए गए राजकीय मेडिकल
कालेजों को सुदृढ़ किए जाने और उनकी क्षमता में वृद्धि किए जाने के उद्देश्य से
मुख्यमंत्री राहत कोष से चिकित्सा शिक्षा विभाग को 10 करोङ रूपए अवमुक्त किए गए हैं। कोरोना वारियर्स की जीवन क्षति
की दशा में परिवार जनों को मुख्यमंत्री कोष
से 10 लाख
रूपए की सम्मान राशि की व्यवस्था ।
खाद्य एवं नागरिक
आपूर्ति-
राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा
योजना (अन्त्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिक परिवार) तथा राज्य खाद्य योजना के
अंतर्गत 03 माह (अपे्रल, मई व जून 2020) के
नियमित आवंटन का अग्रिम उठान कर वितरण करवाया जा रहा है। अन्त्योदय अन्न योजना एवं प्राथमिक
परिवार के अंतर्गत लगभग 13.49 लाख राशन कार्ड धारकों को 3 रूपए प्रति किग्रा चावल
व 2 रूपए
प्रति किग्रा की दर से गेहूं उपलब्ध करवाया जा रहा है।राज्य खाद्य योजना के
अंतर्गत 10.28 लाख परिवारों के लिए राज्य सरकार द्वारा तीन माह(
अप्रैल-मई जून 2020) हेतु प्रति कार्ड वितरण स्केल को बढ़ाते हुए 20 किलोग्राम खाद्यान्न (10 किलोग्राम गेहूं वह 10 किलोग्राम चावल) प्रति
कार्ड किया गया है।प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत (अन्त्योदय
अन्न योजना और प्राथमिक परिवार) 13.49 लाख परिवारों को 3 माह हेतु प्रति व्यक्ति
प्रति माह निशुल्क 5 किलोग्राम चावल का वितरण कराया जा रहा
है।प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के अंतर्गत (अन्त्योदय अन्न योजना और
प्राथमिक परिवार) 13.49 लाख परिवारों को 3 माह हेतु प्रति राशन कार्ड
निशुल्क 01 किलोग्राम दाल का वितरण कराया जा रहा है।ऐसे गरीब
परिवार एवं श्रमिक जिनके पास राशन कार्ड नहीं है तात्कालिक रूप से सभी को निशुल्क
राशन का वितरण जिला मजिस्ट्रेट के माध्यम से निरंतर करवाया जा रहा है। लगभग 1 लाख 33 हजार से अधिक किट वितरित
किए जा चुके हैं।